रुद्रप्रयाग: जनपद रुद्रप्रयाग के दूरस्थ गांव की मिट्टी सोना उगलने जा रही है। इसके लिए देवर गांव को मॉडल विलेज का दर्जा दिया गया है और खेती के जरिए गांव को आत्म-निर्भर बनाने की कोशिशें शुरू हो गयी है। जिलाधिकारी व पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही कृषि वैज्ञानिकों ने गांव का दौरा कर ग्रामीणों से वार्ता कर अपनी कार्ययोजना को बताया।
गुप्तकाशी से जाखधार मोटर मार्ग पर करीब पांच किमी की दूरी पर स्थित देवर गांव प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है। यहां पर कृषि विभाग के साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने मृदा परीक्षण कर यहां कृषिकरण की संभावनाओं को तलाशा है। वैज्ञानिकों के अनुसार गांव की मिट्टी ग्रामीणों की तकदीर बदल सकती है और इसके लिए विशेषज्ञों को यहां लाया जायेगा। आधुनिक तकनीकी व संसाधनों के जरिये कृषि, बागवानी, जल संरक्षण, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, सहित हर वह स्वरोजगार के संशाधन तैयार किये जायेंगे जिससे ग्रामीण अपनी आजीविका को मजबूत कर सकें। यही नहीं गांव में स्टे होम योजना को भी शुरू किया जा रहा है।
अगर कृषि वैज्ञानिकों की तकनीकी सलाह और जिला प्रशासन का यह प्रयास साकार होता जाता है तो जल्दी ही गांव के ग्रामीणों की किस्मत बदल जायेगी और गांव अपनी खेती पर आत्मर्निभर होने वाला प्रदेश का पहला गांव बन पायेगा।