देहरादून: अपनी खूबसूरती और सुकून के लिए पहचान रखने वाली देवभूमि उत्तराखंड में अपराध बढ़ता जा रहा है। बीते दिनों देहरादून से रहस्यमय तरीके से लापता युवक का शव नजीबाबाद (बिजनौर) के गांव परमावाला में खेत में दबा मिला। आरोप है कि उसके साथी ने ही युवक की हत्या कर शव को खेत में गाड़ दिया था। नजीबाबाद पुलिस ने शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, दून पुलिस ने हत्यारोपित को रायपुर से गिरफ्तार कर नजीबाबाद पुलिस के हवाले कर दिया है।
दरअसल रायपुर थाना क्षेत्र निवासी जावेद अहमद बीती 20 मई को रहस्यमयी ढंग से लापता हो गया। पांच दिन तक पति की तलाश करने के बाद भी कोई सुराग नहीं लगने पर जावेद की पत्नी मकसूदी ने रायपुर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमे उसने बताया था कि जावेद के दोस्त मुफीद का जिक्र करते हुए बताया कि वह मूलरूप से नजीबाबाद के परमावाला गांव का रहने वाला है। जावेद और मुफीद साथ काम करते थे। आरोप था कि मुफीद स्मैक बेचता था और जावेद की शिकायत पर ही रायपुर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। तभी से मुफीद उसके पति से रंजिश रखने लगा था।
रायपुर पुलिस ने दबिश देकर मुफीद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। इस पर रायपुर पुलिस मुफीद को साथ लेकर नजीबाबाद पहुंची। जहां उसकी निशानदेही पर जावेद का शव बरामद कर लिया गया। जांच के दौरान पाया गया कि जिस नंबर से जावेद को फोन आया था, वह मोबाइल सेट और सिमकार्ड बरेली के म्यूडी गांव से खरीदा गया था। उससे बीस मई को केवल एक फोन कॉल जावेद को ही किया गया था। इसके बाद उसे स्विच ऑफ कर दिया गया। शक इसलिए भी पुख्ता हो गया कि उस समय मोबाइल की लोकेशन परमावाला गांव में थी, जहां जावेद के दोस्त मुफीद का घर था। जांच में पता चला कि बरेली में किसी तेजपाल नाम के व्यक्ति ने मुफीद को मोबाइल व सिमकार्ड दिए थे।