देहरादून: राजधानी में बाहर जाने वाले लोगों पर नजर और उन्हें जानकारी मुहैया कराने को अलग-अलग चौराहों पर बने यातायात पुलिस सहायता बूथ जनता के लिए धोखा साबित हो रहे हैं। प्रशासन की नाक के नीचे पुलिस सहायता बूथ पर बंजारों का कब्ज़ा है । जब यह बूथ बनाए गए थे पुलिस ने दावा किया था, इन बूथों पर सिपाहियों को तैनात कर शहर में आने और जाने वाले लोगों की हर गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कनक चौक पर बना पुलिस बूथ इसकी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
बता दे की सचिवालय और पुलिस हेडक्वार्टर से कुछ दूरी पर कनक चौक पर बने पुलिस बूथ में बंजारों ने नाजाने कब से डेरा डाला हुआ है वह यही रह रहे है। जहां एक और सिपाहियों को बैठने के लिए जगह भी चौराहे पर नहीं मिलती वहां इन जैसे बंजारों ने अपना डेरा जमाया हुआ है। आलम यह है की रात को यह किसी बूथों में सोते हैं दिन भर बाहर भीख मांगते फिरते हैं छोटे-छोटे बच्चे भी इन्होंने भिक्षा में लगा रखे हैं। रात को इनका रहन-सहन इसी बूथ में होता है ।
हैरानी की बात यह है की पुलिस और आला अधिकारियों को इसकी कोई खबर नही जबकि रोजाना वह यहां से होकर गुजरते है। यह लोग कब से यहां रह रहे है इसका अंदाजा यहां की हालात देखकर लगाया जा सकता है। बूथों का बुरा हाल है। अब देखने वाली बात यह होगी की कितनी जल्दी पुलिस अधिकारी इन पर कार्रवाई करती हैं।