देहरादून: केंद्र के नये मोटर वाहन अधिनियम के तहत शहर में दोपहिया और चौपहिया वाहन चालकों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। प्रदूषण जांच केंद्रों में बढ़ती भीड़ से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। वही इसी दौरान प्रेमनगर के बालाजी प्रदूषण केंद्र ने सिटी बसो की जांच करने से इनकार कर दिया है। जिससे वाहन मालिको को परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है।
विजय वर्धन डंडरियाल ने आरोप लगाया है की प्रेमनगर के रांगड़वाला के बालाजी प्रदूषण केंद्र पर डीजल वाहनों की जांच होती थी। इसी केंद्र पर से सिटी बसों को प्रदूषण जांच पत्र दिया जाता था लेकिन वर्तमान समय पर सिटी बसों को प्रदूषण जांच केंद्र में साफ मना कर दिया गया है। जिससे अब चालको को ट्रांसपोर्ट नगर अपनी बसों को जांच प्रदूषण केंद्र पर ले जाना पड़ रहा है जिस कारण चालकों को 300 से ₹400 रुपए का अतिरिक्त नुकसान उठाना पड़ रहा है । उन्होंने परिवहन विभाग से मांग की है की उक्त जांच केंद्र को डीजल का जो प्रदूषण जांच लाइसेंस मिला हुआ है उसको निरस्त किया जाए और किसी अन्य को इसी स्थान के आसपास पर डीजल का प्रदूषण जांच लाइसेंस दिया जाए। जिससे कि चालकों को नुकसान ना उठाना पड़े और यहां पर डीजल की गाड़ियों का प्रदूषण आसानी से हो जाए। और जितने भी प्रदूषण जांच केंद्र हैं वह अपने आगे रेट लिस्ट को लगाएं जिससे कि आम जनता से यह ज्यादा पैसे ना ले सके जो परिवहन विभाग से अप्रूव हो।