देहरादून: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मे बिल्डरों में हड़कंप मच गया है। रेरा की ओर से बिल्डरों की मनमानी की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी। रेरा में दून के बिल्डरों के खिलाफ 90 से ज्यादा शिकायतें हैं, जिनमें से अधिकतर बिल्डर द्वारा रकम लेने के बाद भी कब्जा नहीं देने की हैं।
बिल्डरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन पर रेरा के आदेशों का भी कोई असर नहीं हो रहा है। इसी बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगने और आम आदमी को राहत मिलने की आस जगी है। वहीं, दूसरी ओर इस आदेश से बिल्डरों में हड़कंप मच गया है।
प्रदेश में 2017 में बने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में अब तक 405 शिकायतें पहुंची हैं। जिनमें से अभी तक केवल 273 मामलों का ही निस्तारण हुआ है। जबकि 132 शिकायतें अब भी लंबित हैं। प्रदेश में करीब 250 परियोजनाएं रेरा में पंजीकृत हैं। इनमें से करीब 80 परियोजनाएं दून जिले में चल रही हैं। यहां बिल्डरों में रेरा का कोई खौफ नहीं है। वह खरीदार से फ्लैट का पैसा तो ले लेते हैं, लेकिन कब्जा नहीं देते हैं। रेरा में 200 से अधिक शिकायतें रिफंड को लेकर आ चुकी हैं।
बता दें कि आम्रपाली समूह के मामले सहित अन्य राज्यों में पैसा लेने के बाद भी फ्लैट न देने वाले बिल्डरों पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने छह महीने में कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब की है। आदेश के अनुसार रेरा ऐसे मामलों की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध कराएगा।