देहरादून: बीते महीने हैदराबाद में महिला डॉक्टर से गैंगरेप के बाद जिंदा जलाने की घटना ने देशभर को झकझोर कर रख दिया था। वहीं ऐसी ही घटना देवभूमि में भी सामने आई है। देहरादून के गणेशपुर के पास खेत मे आज सुबह एक युवती की अधजली लाश मिली। एक समय पर शांत प्रदेश माने जाने वाले उत्तराखंड में इस तरह की बड़ी घटनाएं धीरे-धीरे पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रहा है। इस दरिंदगी पर SP सिटी के नेतृत्व में पटेलनगर पुलिस ने 12 घंटे में हत्याकांड का खुलासा कर दिया। मामले में पुलिस ने मृतक युवती के पूर्व प्रेमी को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक, युवती का पूर्व प्रेमी उष्मान युवती की शादी दूसरे युवक से तय होने के चलते नाराज़ था। उष्मान ने युवती को आखिरी बार मिलने के बहाने बुलाया, जिस पर युवती उष्मान से मिलने गई। आरोपी हरिद्वार घुमाने के बाद देर रात महिला को लेकर गणेशपुर पहुंचा। मौका देखकर उसने महिला की गला दबाकर हत्या कर दी। उसकी हैवानियत यहीं नहीं रुकी, इसके बाद युवती की पहचान छुपाने के लिए उसने युवती के सिर पर पत्थर से कई वार किए थे। साथ ही पेट्रोल डालकर युवती को जलाने का भी प्रयास किया था।
गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान उस्मान कुरैशी पुत्र मौ. एहसान कुरैशी, निवासी गोरखपुर नियर जामा मस्जिद आरकेडिया ग्रान्ट, टी स्टेट देहरादून, उम्र 23 वर्ष के रूप हुई है।
पूछताछ का विवरण
पूछताछ में अभियुक्त उस्मान कुरैशी ने बताया कि मृतका रीना के साथ मेरा पिछले पांच साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था और मैं उससे विवाह करना चाहता था। परन्तु तीन-चार माह पूर्व रीना के परिजनों ने उसकी सगाई जितेन्द्र उर्फ अभिषेक नाम के युवक के साथ तय कर दी। जिसके बाद से ही रीना का उक्त युवक जितेन्द्र से मिलना जुलना शुरू हो गया था और उसने मुझसे बात करना कम कर दिया था। इस पर मैंने रीना से शादी की बात की, तो उसने मुझसे शादी करने से साफ इन्कार कर दिया। जिसके बाद से ही मैं लगातार उसे मनाने का प्रयास कर रहा था। 4 जनवरी की दोपहर को मैं जब तेलपुर चौक पर खडा था तो रीना और जितेन्द्र एक साथ मुझे तेलपुर चैक पर मिले। मैने जितेन्द्र को समझाया कि तू इसे छोड दे क्योंकि मैं इससे बहुत प्यार करता हूँ और मैं इसे किसी की नहीं होने दूंगा। लेकिन जितेन्द्र नहीं माना, इस पर मेरा खून खौल गया और मैने रीना को जान से मारने की योजना बनायी। योजना के तहत कल मैने उसे समय करीब 03:30 बजे फोन कर आखिरी बार मिलने के लिये बुलाया और उसे अपना मोबाइल घर पर ही छोडकर आने की बात कही। जिसके उपरान्त रीना मुझे गोरखपुर चैक पर मिली, मैं उसे अपनी स्कूटी से आईएसबीटी होते हुए भगवानपुर-हरिद्वार की ओर घुमाने ले गया। वहां से करीब रात साढे ग्यारह बजे हम वापस आये। फिर रीना को मैंने सहस्त्रधारा की ओर चलने के लिये कहा और कहा कि आज रात को वहीं किसी होटल में रूक जायेंगे, लेकिन रीना ने घर जाने के लिये कहा, जिस पर मैं उसे नया गांव की तरफ ले गया, लेकिन बैरियर पर चैकिंग होने के कारण मैं वापस आ गया और वापसी में गणेशपुर के पास सडक किनारे खडी एक बोरिंग मशीन की आड में रीना को ले जाकर मौका देखकर मैने उसका गला दबाया और उसे पास पडे़ पत्थरों पर जोर से पटकर उसकी हत्या कर दी। रीना की हत्या करने के बाद मैं उसके शव को घसीटकर सडक किनारे पास के एक खेत में ले गया और उसकी पहचान छुपाने के लिये अपनी स्कूटी से एक कपडा स्कूटी की टंकी में डालकर पैट्रोल से भिगाकर निकाला और उसे रीना पर डालकर उस पर आग लगा दी। परन्तु वह पूरी तरह नहीं जल पायी। सडक पर आवाजाही ज्यादा होने के कारण मैं उसे अधजली अवस्था में ही छोडकर वहां से भाग गया और अपने घर आ गया। मैं काफी डर गया था जिस कारण आज सुबह ही मैं अपने घर से निकलकर अपने लिये कहीं सुरक्षित ठिकाने की तलाश में यहां वहां घूमने लगा कि पुलिस ने मुझे पकड़ लिया।