नई दिल्ली: सीआईसी यानि केंद्रीय सूचना अयोग ने जानबूझकर बैंक ऋण नहीं चुकाने वालों की सूची का खुलासा नहीं करने पर आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही सीआईसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक से कहा है कि वे फंसे हुए कर्ज पर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का पत्र भी सार्वजनिक करें। इस पूरे मामले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
इस पर अभी तक सरकार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मगर कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा है कि ऐसी किसी भी बैंक डिफॉल्टर की लिस्ट को पब्लिक करने में कोई पेरशानी नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक का ऋण लेने और जानबूझकर उसे नहीं चुकाने वालों के नाम के संबंध में सूचना आरबीआई के उपलब्ध नहीं कराने को लेकर नाराज सीआईसी ने पटेल से यह बताने के लिए कहा है कि फैसले की अनुपालना नहीं करने को लेकर उन पर क्यों न अधिकतम जुर्माना लगाया जाए। बैंक लोन डिफॉल्टर्स की लिस्ट सार्वजनिक नहीं करने पर आरबीआई को नोटिस पर मुख्य सूचना आयुक्त की तरफ से जारी नोटिस पर भारत सरकार ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। एनडीटीवी से खास बातचीत में सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि मुझे इसके (सीआसी की आरबीआई प्रमुख को नोटिस) बारे में ज्याजा डिटेल नहीं पता। लेकिन जहां तक मुझे पता है कि बैंक की वेबसाइट में विलफुल डिफॉल्टर्स की लिस्ट को पब्लिक डोमेन में रखा गया है।
कॉपरेट मामलें के सचिव ने कहा कि ऐसी किसी भी बैंक डिफॉल्टर की लिस्ट को पब्लिक करने में कोई पेरशानी नहीं होनी चाहिए। सभी बैंक आम लोगों की डिपोजिट के आधार पर ही आगे की लेन देने करती हैं और लोन देती हैं। यानी आम लोगों के जमापूंजी के आधार पर लोन दिया जाता है। इसलिए यह मसला पूरी तरह से पब्लिक इंटरेस्ट सीधे जुड़ा है। हालांकि, इस मसले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली बोलने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। दिल्ली में कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के कॉन्फ्रेंस में भाग लेने आए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरबीआई गवर्नर उर्जिट पटेल को मिले नोटिस पर कुछ नहीं बोला। हालांकि, कई पत्रकारों ने इस मामले पर उनसे प्रतिक्रिया लेनी चाही, मगर सवाल सुनते ही उन्होंने हाथ ऊपर कर मना कर दिया।