नई दिल्ली/अल्मोड़ा: मोदी सरकार ने दिल्ली के लाल किले को अगले 5 साल तक के लिए डालमिया समूह की कंपनी को रखरखाव और संचालन के लिए सौंपा है। लेकिन, विपक्ष ने मोदी सरकार के निर्णय की आलोचना की है और इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना और आम आदमी पार्टी ने भी सरकार के इस फैसले की आलोचना की है।
After handing over the Red Fort to the Dalmia group, which is the next distinguished location that the BJP government will lease out to a private entity? #IndiaSpeaks
— Congress (@INCIndia) April 28, 2018
मोदी सरकार द्वारा इसे लाल क़िले का निजीकरण करना कहोगे, गिरवी रखना कहोगे या बेचना।
अब प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस का भाषण भी निजी कंपनी के स्वामित्व या नियंत्रण वाले मंच से होगा। ठोंको ताली। जयकारा भारत माता का!https://t.co/W8MfRDhcyW
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 27, 2018
वहीँ अल्मोड़ा पहुंचे जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि, केंद्र की भाजपा सरकार देश की धरोहर को निजी हाथों में सौंपने का काम कर रही है। लाल किला देश की ऐतिहासिक धरोहर है, जिससे देश की इनकम भी अच्छी होती है लेकिन उसको किसी निजी हाथों में सौंपना दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं इस मसले पर केन्द्रीय कपडा मंत्री अजय टम्टा ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि, इस संबंध में प्रधानमंत्री ने जो भी निर्णय लिया हो, वह सोच समझ कर ही लिया होगा।