साईबर सुरक्षा केन्द्र की स्थापना से साईबर क्राइम पर लगेगी रोक: मुख्यमंत्री

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देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सूचना प्रौद्योगिकी भवन, आई.टी पार्क  में ड्रोन एप्लिकेशन अनुसंधान केन्द्र एवं साईबर सुरक्षा केन्द्र का उद्घाटन किया। इस दौरान राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से ड्रोन प्रशिक्षण केन्द्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना भी की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्थापित ड्रोन प्रशिक्षण केन्द्र भारत का पहला केन्द्र है, इसमें 10 दिन से 3 माह तक के प्रशिक्षण दिये जायेंगे। इससे नौजवानों एवं तकनीकी शिक्षा में बड़ा फायदे के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। साथ ही पॉलीटेक्निक कॉलेजों का सेलेक्शन कर उनमें भी ड्रोन एप्लीकेशन प्रोग्राम द्वारा प्रशिक्षित करेंगे।

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सीएम ने बताया कि साईबर सुरक्षा केन्द्र की स्थापना से प्रदेश में साईबर क्राइम पर नजर रखने एवं अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिलेगी। साथ ही इससे राज्य में बढ़ते साईबर अपराध, साईबर धोखाधड़ी, साईबर धमकियों जैसे गंभीर मामलों पर रोक लगाने में भी मदद मिल पाएगी। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद एनटीआरओ के अध्यक्ष आलोक जोशी ने कहा कि साईबर सिक्योरिटी एवं ड्रोन एप्लिकेशन स्मार्ट पुलिस का एक कॉन्सेप्ट है। देहरादून में साईबर सिक्योरिटी एवं ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर बनाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि साईबर सिक्योरिटी किसी एक संस्था के भरोसे नहीं चल सकता है। इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी है।

वहीं मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि साईबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है। साईबर क्राइम से बचने के लिए उत्तराखण्ड के सामने अनेक चुनौतियां हैं। ड्रोन एप्लिकेशन अनुसंधान केन्द्र एवं साईबर सुरक्षा केन्द्र की स्थापना से उत्तराखण्ड को इस क्षेत्र में अच्छा अवसर मिला है। ड्रोन अनुसंधान प्रयोगशाला एवं प्रशिक्षण केन्द्र के लिए उत्तराखण्ड सरकार एवं एनटीआरओ के बीच दिसम्बर, 2017 में एमओयू हस्ताक्षर किया गया। जिसमें ड्रोन अनुप्रयोग एवं अनुसंधान के लिये अत्याधुतिक केन्द्र की स्थापना ड्रोन संचालन हेतु उच्च तकनीकि के प्रशिक्षण सुविधा केन्द्र की स्थापना, वन सर्वेक्षण, आपदा राहत एवं बचाव संचालन क्षेत्र में ड्रोन अनुप्रयोग को विकसित कर सामर्थ्य बनाने में तकनीकि सुविधा प्रदान करना है। ड्रोन अनुसंधान प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से सरकार, छात्रों, पुलिस, वन, आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जायेगा। ड्रोन प्रयोगशाला के माध्यम से कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में सुरक्षा बल संचालन हेतु रियलटाइम सैटलाइट सूचना एकत्रित करने, वनों पर नजर रखने, वन तस्करों पर निगरानी रखने तथा आपदा प्रबन्धन आदि में मदद मिल पाएगी।

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