देहरादून: स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड के अंतर्गत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून द्वारा आज दिनांक 11 जनवरी 2021 की साइबर बुलेटिन:
रेसकोर्स देहरादून निवासी व्यक्ति द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें उनके द्वारा पुलिस को अवगत कराया गया कि कुछ अज्ञात व्यक्तियो द्वारा उन्हे फोन कर बताया गया कि उनके मोबाइल नम्बर ब्रिक कम्पनी जो कि ऑनलाईन गेम खेलने वाली एक कम्पनी है, के हैल्पलाईन नम्बर के रुप में अंकित किया गया है, जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा गूगल पर बिक्र कम्पनी के कस्टमर केयर का नम्बर सर्च किया गया तो उन्हे एक नम्बर प्राप्त हुआ जिस पर उनके द्वारा काल किया गया तो उक्त नम्बर द्वारा उनको मोबाइल नम्बर हटाने हेतु गूगल पे पर लिंक भेजे जाने हेतु कहा, जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा विश्वास कर लिंक पर क्लिक किया गया, जहाँ से उनके बैक खाते से 99700/- रुपये धोखाधडी से निकाल लिये गये। उक्त प्रार्थना पत्र पर साईबर थाने से उप निरीक्षक राजेश ध्यानी द्वारा जॉच की गयी, जिसमे शिकायतकर्ता की धनराशि पेटीएम बैक खाते में जानी पायी गयी| अभियोग पंजीकृत किया गया है।
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टिहरी गढवाल निवासी महिला द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड़ को एक शिकायती प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि एक अन्जान व्यक्ति द्वारा उन्हे फोन के माध्यम से सम्पर्क किया गया और उन्हे अपने झॉसे में लेकर अपने मोबाइल से एप्प डाउनलोड करने को कहा गया। जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा उनकी बातो में आकर उक्त एप्प डाउनलोड कर दिया गया, जिससे उनके खाते से तुरन्त 33000/- निकाल गये।उक्त प्रार्थना पत्र की जांच उ0नि0 प्रतिभा द्वारा की गयी तथा शिकायतकर्ता से प्राप्त विवरण के आधार पर सम्बन्धित ई-वालेट कम्पनी से सम्पर्क किया गया जहाँ से ज्ञात हुआ कि शिकायतकर्ता के खाते से धनराशि पुणे महाराष्ट्र स्थित HDFC बैक खाते में जानी पायी गयी, जिस पर तुरन्त उक्त बैक शाखा से पत्राचार कर खाते को फ्रीज कराया गया है। शिकायतकर्ता को फोन करने वाले मोबाइल नम्बर की जानकारी की गयी तो उक्त नम्बर असम का होना पाया गया। प्रकरण कार्यवाही हेतु सम्बन्धित जनपद को भेजा जा रहा है।
सेवलाकंला देहरादून निवासी एक महिला द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड़ में शिकायत दर्ज करायी गयी कि वह पेशे से एक व्यवसायी है तथा ट्रासपोर्ट का कार्य अपने बेटे के साथ मिलकर करती है, मेरे बेटे को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन पर सम्पर्क कर स्वंय को भारतीय सेना से बताते हुये अपने निजी कार्य के लिये एक ट्रक की आवश्यकता बतायी तथा फोन पर ही उसका भाडा तय किया तथा 21000/- रुपये एडवांस देने की बात हुई, तथा उक्त व्यक्ति द्वारा एडंवास का पेमेन्ट गूगल पे के माध्यम से करने की बात कही गयी, जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा सहमति दी गयी, किन्तु उक्त व्यक्ति द्वारा पुनः फोन कर कहा गया कि गूगल पे से धनराशि ट्रासफर नही हो पा रही है, तथा उसके द्वारा शिकायतकर्ता को झॉसे में लेकर एक मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराते हुये उसमें 10,000/- रुपये डाल कर वापसी 20000/- की धनराशि वापस करने की बात कही गयी जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा उक्त नम्बर पर 10,000/- ट्रासफर किये गये किन्तु अज्ञात व्यक्ति द्वारा धनराशि न भेजते हुये झॉसे मे लेकर और धनराशि शिकायतकर्ता से उक्त नम्बर पर डलवा ली गयी। उक्त प्रार्थना पत्र की जांच उपनिरीक्षक प्रतिभा द्वारा की गई, व शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के आधार गूगल पे व सम्बन्धित ई-वॉलेट कम्पनी से पत्राचार किया गया तो ज्ञात हुआ कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा शिकायतकर्ता की धनराशि ई-वालेट के माध्यम से दिल्ली स्थित पंजाब नेशनल बैक के खाते मे जाने पायी गयी। सदिग्ध ई-वॉलेट की जानकारी पेटीएम नोडल से की गयी तो उक्त पेटीएम खाता गुजरात का होना पाया गया व सदिग्ध मोबाइल धारक की जानकारी प्राप्त की गयी। उक्त मोबाइल नम्बर उडीसा का होना पाया गया। प्रकरण आवश्यक कार्यवाही हेतु सम्बन्धित जनपद को प्रेषित किया जा रहा है।