देहरादून: स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड के अंतर्गत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून द्वारा आज दिनांक 11 फरवरी 2021 की साइबर बुलेटिन:
मियावाला जनपद देहरादून निवासी व्यक्ति द्वारा थाना साईबर क्राईम पर शिकायत दर्ज करायी गयी कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनसे मोबाइल फोन के माध्यम से सम्पर्क कर स्वंय को बैक अधिकारी बताते हुये उनके क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट कराने के नाम पर धोखाधडी से उनके क्रेडिट कार्ड की जानकारी प्राप्त की गयी तथा उनके क्रेडिट कार्ड से 97615/- रुपये की ऑनलाईन धोखाधडी की गयी जिसकी जांच उ0नि0 राजेश ध्यानी द्वारा की गयी। जांच उपरान्त प्रकरण में अभियोग पंजीकृत किया गया।
नेहरु कालोनी देहरादून निवासी व्यक्ति द्वारा थाना साईबर क्राईम पर शिकायत दर्ज करायी गयी कि एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उन्हे मोबाइल फोन के माध्यम से सम्पर्क कर स्वंय को एक प्राइवेट कम्पनी का अधिकारी बताया गया तथा उनकी कम्पनी द्वारा रोजगार दिया जा रहा है, जिस लिए धनराशि का भुगतान किया जायेगा। शिकायतकर्ता द्वारा रोजगार के सम्बन्ध में पूछा गया जिसपर उस व्यक्ति द्वारा उन्हे 1400 विभिन्न प्रकार के फार्म फार्मेट भरने का कार्य बताते हुये कहा कि अगर तय सीमा पर उक्त कार्य नही किया गया तो आपको इसका जुर्माना भरना होगा। शिकायतकर्ता द्वारा उसकी बात पर सहमति व्यक्ति की गयी किन्तू शिकायतकर्ता द्वारा तय समय पर कार्य न होने के कारण उक्त का जुर्माना भरने हेतु सम्पर्क किया गया। उक्त व्यक्ति द्वारा शिकायतकर्ता को कार्य न पूर्ण होने की दशा में उन्हे फर्जी केस में फसाने तथा ऐसा न करने की दशा में विभिन्न बैक खातो में रुपये 96630 रुपये की धोखाधडी की गयी। जिसकी जांच उ0नि0 निर्मल भट्ट द्वारा की गयी। जांच उपरान्त प्रकरण में अभियोग पंजीकृत किया गया।
पटेलनगर जनपद देहरादून निवासी व्यक्ति द्वारा साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून को एक शिकायती प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया, जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा अपने पंजाब नेशनल बैक के खाते की चैक बुक हेतु ऑनलाईन आवेदन किया गया था, जिस पर उक्त चैक बुक कि वर्तमान स्थिति जानने के लिये उनके द्वारा गूगल पर पंजाब नेशनल बैक के कस्टमर केयर नम्बर को खोजा गया तो एक मोबाइल नम्बर प्राप्त हुआ जिस पर उनके द्वारा उक्त नम्बर पर फोन कर अपनी चैक बुक के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो उक्त अज्ञात मोबाइल नम्बर द्वारा उन्हे झांसे मे लेकर उनके मोबाइल फोन पर एक ओटीपी भेजा गया तथा उस ओटीपी की देने हेतु उनको कहा गया जिस पर शिकायकर्ता द्वारा उक्त ओटीपी बता दिया गया व अज्ञात व्यक्ति द्वारा ओटीपी की जानकारी मिलते ही शिकायतकर्ता के खाते से 169819/- रुपये की धोखाधडी कर ली गयी। उक्त प्रार्थना पत्र की जांच उ0नि0 प्रतिभा द्वारा की गयी। जांच उपरान्त प्रकरण में अभियोग पंजीकृत किया गया।