देहरादून: निजी आयुष कॉलेजों की मनमानी फीस बढ़ोतरी का विरोध जारी है। इस मामले में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात की। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस ने मुख्य सचिव से की कोर्ट के आदेशों का पालन कराने की मांग की है।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से समधन आयुष शिक्षा कॉलेज में वर्ष 2015 में जो फीस वृद्धि का शासनादेश जारी किया गया है। उसके विरोध में आयुष शिक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं लंबे समय से आंदोलनरत है। आपके संज्ञान में लाना चाहेंगे कि, कॉलेजों में शुल्क निर्धारण हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप माननीय उच्च न्यायालय के सेवा निर्मित न्यायधीश की अध्यक्षता में गठित शुल्क निर्धारण समिति एक्ट 2006 की सिफारिशों के बिना राज्य सरकार द्वारा बढे हुए शुल्क का शासनादेश जारी कर दिया गया है। यह भी सर्वविदित है कि कोई भी शासनादेश निर्गत होने की तिथि या अगली तिथि से लागू होता है ना कि पिछली तिथि से। जबकि आयुष कॉलेजों द्वारा इस शासनादेश को पिछले सत्र से लागू किया गया जोकि पूर्णता नियम विरुद्ध है।
कहा कि, आयुष कॉलेज में शुल्क वृद्धि के शासनादेश के लागू होने के उपरांत सभी आयुष कॉलेजों द्वारा पूर्व में प्रवेश हेतु छात्रों से भी बढ़ी हुई फीस वसूलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। फीस वृद्धि के आदेशों के उपरांत प्रवेश इन छात्रों द्वारा माननीय राज्यपाल उत्तराखंड के सम्मुख अपनी बात रखी गई परंतु कोई निर्णय ना होने के बाद उन्हें मजबूर होकर माननीय उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा याचिका पर सुनवाई करते हुए शुल्क वृद्धि 5 दिसंबर 2016 तक रोक लगा दी गई और 9 जुलाई 2018 को उक्त शुल्क वृद्धि संबंधी शासनादेश को निरस्त करने के आदेश जारी किए। साथ ही छात्रों से वसूला गया बढ़ा हुआ शुल्क 14 दिन के अंदर वापस लौटाने के भी आदेश दिए गए। माननीय उच्च न्यायालय की एकल पीठ के उक्त आदेश के खिलाफ निजी कॉलेजों द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर की गई, परंतु 9 अक्टूबर 2018 को उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए आदेश जारी किया गया, जिसके उपरांत राज्य सरकार द्वारा 2 नवंबर, 22 मार्च और 23 अप्रैल 2018 को माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के पालन हेतु आदेश जारी किए गए। परंतु निजी आयुष कॉलेजों द्वारा शासन से कोई भी आदेश नहीं मिलने का हवाला देते हुए छात्रों से वसूला गया शुल्क लौटाने से मना कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि, आयुर्वेद कॉलेजों में पर्वतीय क्षेत्र के गरीब परिवारों के छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, माननीय न्यायालय के आदेशों के बावजूद आयुष कॉलेजों द्वारा बढे हुए शुल्क को जमा करने का दबाव छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ और अभिभावकों का शोषण है। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी छात्रों के शुल्क वृद्धि रोकने की न्योचित मांग का समर्थन करती है और मांग करती है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का सख्ती से पालन करवाते हुए छात्रों से वसूला गया बढ़ा हुआ शुल्क उन्हें लौटाया जाए।
प्रनिधिमंडल में अध्यक्ष प्रीतम सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, प्रवक्ता गरिमा दसौनी समेत अन्य कांग्रेसी शामिल रहे।