बागेश्वर: ज़िले में प्रशासनिक उदासीनता के चलते करोड़ो रूपये की लागत से बनी ऑडिटोरियम की ईमारत खंडहर होने की कगार पर है। सालों पहले बनी इस ईमारत में अब झाड़ियां उगने लगी है। लेकिन शासन की तरफ से इस ओऱ ध्यान देने वाला कोई नहीं हैं जिस कारण भवन के निर्माण पर कई सवालियां निशान उठने शुरू हो गए हैं।
बता दें कि जिला मुख्यालय में बनी राजकीय आडिटोरियम की बिल्डिंग सरकारी धन के दुरूपयोग का एक जीता जागता उदाहरण है। इस ईमारत का निर्माण सन् 2008-09 में लगभग 3 करोड़ की लागत से किया गया था लेकिन आज तक इसका संचालन नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से ऑडिटोरियम के लिए बनी ये बिल्डिंग अब खंडहर में तब्दील होने को है। बिल्डिंग में जगह जगह झाड़ियाँ उगने लगी है और इसके खिड़की दरवाजे भी टूटने लगे है। ऐसे में स्थानीय लोग अब ऑडिटोरियम निर्माण के औचित्य पर ही सवाल उठाने लगे है। संस्कृति विभाग द्वारा बनाई गयी इस बिल्डिंग की कार्यदायी संस्था उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम है। प्रशासन का कहना है कि बजट की कमी के चलते कार्यदायी संस्था द्वारा बिल्डिंग के भीतर के कार्य पूरे नहीं किये जा सके है। जिसकी वजह से आज तक इसका संचालन नहीं किया जा सका है। वहीं जिलाधिकारी ने ऑडिटोरियम के जल्द संचालन का भरोसा तो दे रही है लेकिन सवाल ये है कि करोड़ो रूपये खर्च कर बनाई गयी इस बिल्डिंग की सुध अब तक क्यों नहीं ली गई?