हरिद्वार: कोतवाली ज्वालापुर में एक रोंगटे खड़े करने वाला मामला सामने आया है। जिसमें दो बहनों ने अपने से छुटकारा पाने के लिए भाई के दूध में नींद की गोलियां मिला दी थी। फिर दोनों बहनों ने सुबह के वक्त माता पिता के पास सो रहे भाई को उठा लिया और उसे कपड़े के थैले में डालकर घर से निकल गईं। एक बहन साइकिल पर सवार थी तो दूसरी हाथ में बैग लेकर पैदल-पैदल चल रही थी। रेलवे के लाल पुल के पास पहुंचकर उन्होंने बैग के साथ ही भाई को भी गंगनहर में फेंक दिया था। वारदात को अंजाम देकर वे दस मिनट के अंतराल में घर लौट आईं। परिजनों को विश्वास में लेकर जब किशोरियों से पूछताछ की गई तब उन्होंने अपना गुनाह कुबूल लिया।
बेहद घनी आबादी से घिरी बस्ती में घर से किसी मासूम का गायब होना बेहद ही चौंकाने वाली बात थी। दूसरी खास बात यह थी कि मासूम की मां की जुबां पर जेठानी का ही नाम था। पुलिस ने तफ्तीश आगे बढ़ाई तो जेठानी दूर दूर तक इस केस से जुड़ी नहीं दिखाई दी। ऐसे में पुलिस संपत्ति विवाद में मासूम के गायब होने में उसके अपनों का ही हाथ मान रही थी या फिर लग रहा था कि तंत्र मंत्र के नाम पर बच्चे को अगवा किया गया है। पुलिस की तफ्तीश का फोकस इन दो पहलुओं पर ही था, चूंकि अपने ही संदेह के घेरे में थे लिहाजा पुलिस फूंक फूंककर कदम रख रही थी। इसी बीच एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज ने पुलिस की पूरी थ्योरी ही बदलकर दी। फुटेज में मासूम की बड़ी बहन और चचेरी बहन संदेह के घेरे में आ गई थी। अब सामने सवाल यह आ खड़ा हुआ था, किशोरियों से पूछताछ भला कैसे की जाए। ऐसे में पुलिस ने नाते रिश्तेदारों की मदद ली। नाबालिगों से सख्ती करना मुनासिब नहीं था। जब पुलिस का पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ तब भी दोनों बहनें बिलकुल नहीं डिगी।
एकदम बिना डरे हिचके उन्होंने तीन-चार आमजन पर भाई के गायब होने का आरोप मढ़ दिया। फिर क्रॉस चेकिंग भी हुई। सारी कहानियां गलत निकली। आखिर में पुलिस ने सीसीटीवी की फुटेज दोनों बहनों के सामने रख दी। बकौल पुलिस मासूम भाई से बेहद नफरत करने वाली सगी बहन ही मास्टर माइंड निकली। उसी ने ही यह खौफनाक साजिश रची। किशोरी के एक चचेरे भाई का मनोरोग विशेषज्ञ से इलाज चल रहा है, उसे यह तक पता था कि भाई की मानसिक स्थिति बिगड़ने पर उसे नींद की गोली दी जाती है। इसलिए चचेरी बहन की मदद से उसने छह गोलियां हासिल कर ली थी और दूध में मिला दी।