हरिद्वार: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार में नव निर्मित आयुर्वेद भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पतंजलि योगपीठ योग एवं आयुर्वेद को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए योग एवं आयुर्वेद को बढ़ावा देना जरूरी है। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति विश्व में सर्वोपरि है। हम अपने चरित्र एवं कर्मों से विश्व को चरित्र और कर्म की शिक्षा देंगे। भारत योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से विश्व को शांति, सुख व स्वस्थ जीवन की परिकल्पना दे सकता है।
योग का महत्व बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद एवं योग के क्षेत्र में शोध सतत् चलना चाहिए। स्वस्थ विश्व की परिकल्पना के लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में निरन्तर शोध जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 21 जून को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग के माध्यम से भारत ने विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
वहीँ आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि योग एवं आयुर्वेद का उल्लेख वेदों, उपनिषदों एवं पुराणों में प्राचीन समय से ही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोटद्वार के निकट चरक डाण्डा में देश का पहला आयुर्वेद शोध संस्थान बनाने का निर्णय लिया है।
इस दौरान शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने भी कहा कि योग एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में देश तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत के निर्माण में ऋषि-मुनियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वेद, पुराण, उपनिषद एवं ऋषियों के तप एवं साधना के संस्कार भारतीय संस्कृति में हैं। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वदेशी वस्तुओं एवं उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। वेस्ट को बेस्ट में बदलना आवश्यक है। एविडेन्स बेस मेडिसिन के रूप में औषधियों को प्रसिद्धि दिलाना एवं पाण्डुलिपियों का संरक्षण करना जरूरी है।