देहरादून: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने कार्बेट नेशनल पार्क में बने होटलों व रिसॉर्टों की नापजोख के लिए हाईकोर्ट के चार अधिवक्ताओ की एक हाई पावर कमेटी गठित की है। यह कमेटी 18 जून तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी। इस कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता बीसी पाण्डेय हैं, जबकि अन्य सदस्यों में एमएस त्यागी अंजली भारगर्व व सोभित सहारिया है। इस कमेटी को जिला प्रशाशन व वन विभाग जिम कॉर्बेट के अधिकारी सहयोग कर वीडियो ग्राफी भी करेंगे। रामनगर के कार्बेट नेशनल पार्क के आस पास करीब 44 होटल और रिजार्ट ने सरकारी व वन भूमि पर कब्जा कर अपना अतिक्रमण किया हुआ है। राज्य के मुख्य सचिव ने पूर्व में शपथ पत्र में ये साफ किया है।
नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा मांगे गये जवाब में राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने अपने जवाब में कहा था कि, 7 अप्रैल को डीएम नैनीताल ने रामनगर के आस-पास रिजार्टों का भौतिक निरिक्षण किया है। जिसमें 44 होटलों मालिकों द्वारा सरकारी जमीन, वन भूमि की जमीन, सरकारी बंजर जमीन, वर्ग तीन की भूमि पर कब्जा, वर्ग चार की जमीन पर कब्जा किया गया है। अपने सपथ पत्र में मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि, कई रिजोर्ट मालिकों द्वारा वन क्षेत्र पर भी कब्जा किया गया है, जिन पर वन अपराध 2010 से डीएफओ कार्यालय में दर्ज है, मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 13 रिजार्टों ने तो सार्वजनिक सम्मत्ति पर भी कब्जा कर व्यवसायिक हित कमा रहे है। जिन पर वाद एसडीएम कार्यालय में 2012 से लम्बित हैं। हिमालयन युवा ग्रामीण विकास समिति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसके अध्यक्ष मयंक मैनाली ने कहा है कि रामनगर क्षेत्र में रिजार्ट मालिकों ने कानून को ताक पर रखकर कोसी नदी में अवैध कब्जा कर रिजार्ट का निर्माण किया गया है, उनके द्वारा वन्य जीवों को हानि पहुंचाई जा रही है, रिजार्ट के शिविर को कोसी नदी में बिना किसी ट्रीटमेंट के बहाया जा रहा है। याचिका कर्ता ने कोर्ट से ऐसे रिजार्ट मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद कोर्ट ने पूर्व में रामनगर के एसडीएम के शपथ पत्र पर संतुष्ठ ना होने के बाद मुख्य सचिव से शपथ पत्र पेश करने को कहा था। मुख्य सचिव के शपथ पत्र के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि, वो अपना प्रति शपथ पत्र दाखिल करें। मामले की सुनवाई 18 जून की नियत की है।