कठुआ: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की तीन-तीन पीढ़ियों को इन दो परिवारों ने तबाह किया है, नोच लिया है, निचोड़ लिया है। जम्मू कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य के लिए इन दोनों परिवार की विदाई होनी चाहिए। पीएम ने दोनों परिवारों को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘ये दो परिवार पूरे कुनबे को मैदान में उतार दें, चाचा, मामा, भाई, भतीजा, भांजा, साला… जितनी गालियां मोदी को देनी हैं, दे दो। पर, इस देश के टुकड़े नहीं कर पाओगे।’
कठुआ में नैशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को निशाने पर लेते हुए पीएम ने कहा, ‘मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार से मैं कहना चाहता हूं… ये मोदी है, ये ना डरता है, ना झुकता है और ना ही बिकता है।’ इस दौरान पीएम ने लोगों से कहा कि सूबे की बेहतरी के लिए इन दोनों परिवारों की विदाई जरूरी है।
कांग्रेस पर बरसते हुए पीएम ने कहा, कांग्रेस कह रही है कि वह सत्ता में आई तो सेना के अधिकार छीन लेगी। ये जम्मू-कश्मीर से सेना हटाना चाहते हैं। ये सेना का मनोबल तोड़ने की साजिश है। पर, ये इस बात को भूल गए हैं कि इनके और इनकी इस सोच के बीच मोदी दीवार की तरह खड़ा है।
एयर स्ट्राइक का मुद्दा उठाते हुए भी पीएम ने विपक्ष को घेरा। पीएम ने कहा कि जब हम एयर स्ट्राइक या सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं तो पूरे देश को गर्व होता है। हमें सेना पर फक्र होता है। पर, इन्हें (विपक्ष) बौखलाहट होती है। आखिर ऐसा क्यों है। आखिर इन्हें चुनाव में कौन समर्थन कर रहा है, जिस कारण इन्हें ये भाषा बोलनी पड़ रही है।
सेना के मुद्दे पर पीएम ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप भी लगाए। पीएम ने दो टूक कहा कि कांग्रेस के लिए सेना का मतलब सिर्फ और सिर्फ कमाई का एक जरिया है। रक्षा सौदों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि ये सेना का मनोबल तोड़ना चाहते हैं जबकि मेरी सरकार के लिए सेना की ताकत को राष्ट्र की रक्षा में लगाते हैं।
जलियांवाला बाग हत्याकांड के कार्यक्रम का जिक्र करते हुए भी पीएम ने कांग्रेस पर हमला बोला। पीएम ने कहा, शनिवार को पंजाब में देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सरकार के अधिकृत कार्यक्रम के लिए जलियांवाला गए। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। लेकिन सरकार के इस कार्यक्रम से कांग्रेस के मुख्यमंत्री (कैप्टन अमरिंदर सिंह) गायब थे।
पीएम ने कहा, कांग्रेस के नामदार (राहुल गांधी) के साथ वह जलियांवाला बाग गए, लेकिन उपराष्ट्रपति के साथ भारत सरकार के अधिकृत कार्यक्रम में जाना सही नहीं माना। कैप्टन अमरिंदर को मैं सालों से जानता हूं। कभी उनकी देशभक्ति पर सवाल खड़ा नहीं किया। मैं समझता हूं कि इस परिवार भक्ति के लिए उन पर किस तरह का दवाब बनाया गया। पंजाब में चल रहे दांवपेच के कारण कैप्टन को भी झुकना पड़ गया।