नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस ने समझौता एक्सप्रेस विस्फोट को हिंदू समाज को बदनाम करने के लिए एक आतंकवादी कृत्य करार दिया है। जेटली ने कहा कि अदालत के फैसले में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह बिना किसी सबूत के स्पष्ट मामला था। कांग्रेस ने जानबूझकर हिंदू आतंकवाद शब्द का यूज किया और वोट के लिए हिंदू आतंकवाद की थ्योरी पेश की थी। गौरतलब है कि 20 मार्च को अदालत ने समझौता ब्लास्ट मामले में चारों आरोपियों- स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी को बरी कर दिया था।
अरुण जेटली ने कहा, जजमेंट क्लीयर ने कहा कि यह बिना किसी सबूत के स्पष्ट मामला है, लेकिन सरकार ने उस समय हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश की थी। अरुण जेटली ने कहा, कांग्रेस ने ‘हिंदू आतंक’ झूठी थ्योरी गढ़ी और फर्जी सबूतों के आधार पर मामले दर्ज किया, लेकिन अंत में अदालत को फैसला लेना पड़ा। हिंदू टेरर की थ्योरी पैदा करके इस समाज को कलंकित करना, यह इतिहास में पहली बार हुआ।
जेटली ने कहा कि, इसकी जिम्मेदारी यूपीए और कांग्रेस को लेना होगी। मरने वाले आम लोग थे, जो सही मायने में दोषी थे उनको सजा नहीं मिली। मासूमों की जान चली गई। विपक्षी पार्टियों की आलोचना करते हुए जेटली ने कहा कि, 2007 के बाद अमेरिका का स्टेट डिपार्टमेंट बार बार सूचना दे रहा था कि कौन आतंकी है? उस पर तहकीकात करने की बजाय कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद के नारे को पूरा करने के लिए फर्जी सबूत के आधार पर कहानी बनाई थी हिंदुओं को आतंकवादी मानने वाले लोग अब इस धर्म के प्रति श्रद्धा दिखाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूरे समाज को आतंकवादी बता देने को इस समाज के लोग सहन नहीं करेंगे।
बता दें कि, कि भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के पास धमाका हुआ। उस वक्त रेलगाड़ी अटारी जा रही थी जो भारत की तरफ का आखिरी स्टेशन है। इस बम विस्फोट में 68 लोगों की मौत हो गई थी।