दिल्ली। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी को आज 132 साल हो गए हैं। कांग्रेस के इस लम्बे सफर में देश को सात प्रधानमंत्री मिले। आजादी के बाद देश में सबसे ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस सिमटते जा रही है। हाल ही में पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिला है। देखना दिलचस्प होगा होगा कि राहुल गाँधी कांग्रेस की डूबती नया को पार लगा पाते है या नहीं। इसमें कोई शक नहीं कि इस पार्टी ने देश की गुलामी से लेकर सत्ता तक एक लंबा सफर तय किया है।
कुछ ऐसा है कांग्रेस का इतिहास
कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में 28 दिसंबर 1885 में हुई थी, इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियोसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। आजादी से 2016 के बीच हुए 16 लोकसभा चुनावों में से 6 बार उसे पूर्ण बहुमत मिला और 4 बार उसने गठबंधन में सरकार बनाई। पार्टी का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 में रहा जब पार्टी को 415 लोकसभा सीटें मिलीं थीं। ये वो दौर था जब इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी और भारत संकट में था, तब उनकी जगह उनके बेटे राजीव गांधी को सत्ता की बागडोर मिली थी और कांग्रेस का सबसे ख़राब प्रदर्शन 2014 के आम चुनाव में दिखा, जिसमे 543 सदस्यीय लोक सभा में केवल 44 सीट ही हाथ लगी।
हाल ही में हुए देश के दो राज्यों में विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के हाथ निराशा ही लगी लेकिन गुजरात में हार के साथ नयी उम्मीदे भी मिली। गुजरात में कांग्रेस और बीजेपी के बीच हुई कांटे की टक्कर ने भाजपा को अपने आकड़ों पर सोचने में मजबूर कर दिया।