नैनीताल। कुमाऊँ मण्डल के आयुक्त चन्द्र शेखर भट्ट ने कहा है कि शीतकाल के दौरान अभी तक वर्षा ना होने के कारण सूखे के हालात बनने लगे हैं। यहां तक की मण्डल के पर्वतीय इलाकों में गेहूं के साथ ही अन्य फसलें भी प्रभावित होने लगी है। जहां कहीं गेहूं बोया गया है वहां वर्षा के अभाव में अंकुरित गेहूं के पौधे सूखने लगे हैं। उन्होने कुमाऊँ मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को आदेशित किया है कि वह अपने जनपदों में कृषि, उद्यान एवं राजस्व महकमे के माध्यम से सूखे की स्थिति का आंकलन कर आवश्यक रिर्पोट तैयार करें ताकि मांगे जाने पर सूखे से संबंधित रिर्पोट शासन को भेजी जा सके।
आयुक्त भट्ट ने कहा कि कुमाऊँ के तराई और भाबर क्षेत्रों के अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में भीषण शीत लहर चल रही है। ऐसे में मण्डल के सभी जिलाधिकारी मौसम का संज्ञान लेते हुये अपने जनपदों के विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्थिति का आंकलन करते हुये बंद रखें ताकि शीतलहर एवं कोहरे से किसी बच्चे की असमय मृत्यु ना हो जाये। इसके लिये विद्यालय तन्त्र एवं अभिभावकों से वार्ता कर बच्चों को सर्दी से बचाने के उपायों की जानकारी भी दी जाय साथ ही सभी जिलाधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय निकायों एवं नगर निगमों के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों यथा चैराहों, गरीब एवं मलिन बस्तियों, रेलवे, बस स्टेशनों पर अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही रात्रि के समय अधिकारी इन स्थानों पर गरीब लोगों को निःशुल्क कम्बल वितरण भी करें। जो गरीब सर्दी से प्रभावित हों उन्हें तत्काल रैन बसेरों अथवा सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जाये। उन्होंने कहा कि इस नेक कार्य में जन सहभागिता भी बड़ाई जाये, साथ ही समाज सेवी संस्थाओं और लायंस क्लब, रोटरी क्लब व अन्य संगठनों के सहयोग से भी कम्बल, रजाई एवं ऊनी वस्त्रों के वितरण का कार्य किया जाये। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि वे अपने जिलों में इस प्रकार की सामाग्री जमा करने के लिये जिला कार्यालय में ऊनी वस्त्रों का बैंक बनाया जाये तथा प्राप्त होने वाली सामाग्री का वितरण संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारियों के माध्यम से कराया जाये।
भट्ट ने जनसाधारण से अपील की है कि वे सर्दी के मौसम में शीत लहर व कोहरे को देखते हुये आवश्यक कार्य के चलते ही घर से बाहर आयें तथा आवश्यक होने पर ही यात्रा करें। उन्होंने अपनी अपील में यह भी कहा कि लोग पुराने ऊनी वस्त्रों, कम्बल व रजाई आदि जिला प्रशासन को उपलब्ध करायें ताकि उनका वितरण गरीब लोगों के बीच किया जा सके।