पिथौरागढ़: ज़िले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत महिला कर्मचारियों के संविदा विस्तार को लेकर ज़िले की सीएमओ ऊषा गुंज्याल ने एक तुगलकी फरमान जारी किया है। जी हां एक ऐसा फरमान जो महिला अधिकारों का सरासर हनन है। और ऐसा भी तब हुआ है जब आदेश जारी करने वाली अधिकारी भी खुद एक महिला है।
ज़िले में कार्यरत सीएमओ उषा के आदेश के अनुसार महिला संविदा कर्मचारियों को अनुबंध विस्तार से पहले प्रेग्नेंसी टेस्ट कारवाना अनिवार्य होगा। जिस कारण कई महिला कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पडेगा। सीएमओ ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि, प्रेग्नेंसी टेस्ट के बाद ही महिला कर्मचारियों के सेवा के अनुबंध को विस्तारित किया जायेगा। ऐसे में महिला कर्मचारी सकते में है। स्वास्थ्य विभाग हर साल सेवा के आधार पर कर्मचारियों का सेवा विस्तार करता आया है। लेकिन सी एम ओ द्वारा जारी तुगलकी फरमान के बाद स्वास्थ्य महकमें में हडकंप मचा हुआ है। सीएमओ ऊषा फिलहाल छुट्टी पर हैं। वहीं मीडिया द्वारा पूछे जाने के बाद विभागीय अधिकारी सीएमओ के इस आदेश को लेकर अब बैकफुट आ गए हैं और आदेश को रद्द करने की बात कर रहे हैं। प्रभारी सीएमओ ने पूर्व के आदेश को त्रुटि बताते हुए अब नया आदेश जारी करने का निर्देश दे दिया है।