देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में राज्य रोजगार गारंटी परिषद् की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु ट्रैंच को भी शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आकांक्षी जनपदों एवं पलायन प्रभावित क्षेत्रों में विशेष ध्यान देते हुए क्षेत्र के समग्र विकास हेतु विशेष कार्यक्रम चलाए जाएं। उन्होंने अधिकारियों से विभिन्न क्षेत्रों में मनरेगा कर्मियों के वेतन में हो रही देरी के कारणों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मनरेगा की मजदूरी दर को राज्य की प्रचलित मजदूरी दर के सापेक्ष मजदूरी तय किए जाने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने योजना के तहत विभिन्न मानकों जैसे आधार सीडिंग, जॉब कार्ड सत्यापन एवं जल शक्ति अभियान में विगत दो वर्षां से प्रथम रैंक प्राप्त करने पर बधाई देते हुए कहा कि अन्य मानकों में भी प्रथम रैंक आने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने योजना के अन्तर्गत सम्पूर्ण देश में सर्वाधिक 10 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने पर भी बधाई दी। उन्होंने पिथौरागढ़ जनपद को एक साथ 4 पुरस्कार प्राप्त करने पर भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी जनपद को 4 पुरस्कार प्राप्त हुए हों, इससे प्रदेश का मान बढ़ा है।
सीएम ने पर्वतीय क्षेत्रों में फिशरीज एवं अन्य विभागों से मनरेगा का तालमेल कर मछलियों एवं बत्तखों आदि पालन हेतु योजनाएं तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र कृषि विकास योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत मनरेगा को शामिल करते हुए और अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को मनरेगा योजना के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों के आउटकम पर भी ध्यान देने की बात कही।