देहरादून: जनसंघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमण्डल द्वारा मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन तहसील विकासनगर प्रकाश शाह को सौंपा, जिसमें प्रदेश के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र रावत के स्टिंग वीडियो सार्वजनिक होने व उनके भ्रष्टाचार से जुड़े प्रकरण के मामले में सीबीआई जाँच कराये जाने का आग्रह किया।
नेगी ने कहा कि, प्रदेश के मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र व उनके परिवार से जुडे सदस्यों के रिश्वत तथा दलाली/डील के मामले में एक चैनल के सीईओ द्वारा स्टिंग सार्वजनिक किये गये हैं। उक्त स्टिंग में त्रिवेन्द्र रावत द्वारा झारखण्ड प्रदेश प्रभारी रहते हुए एक भाजपा कार्यकर्ता को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने के एवज में 25 लाख रूपये बतौर रिश्वत/डील का पैसा परिजनों के खातों में आना तथा इनके परिजनों द्वारा खनन की डील किये जाने का वीड़ियो सार्वजनिक हुआ है, जिससे प्रदेश की छवि पर गहना दाग लगा है। मुख्यमन्त्री के उक्त कृत्य से प्रदेश में लोकतान्त्रिक व्यवस्थायें ध्वस्त हो गयी हैं।
नगी ने कहा कि,पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार के समय वर्ष 2016 में हुए स्टिंग मामले में राजभवन द्वारा मात्र 5-7 दिन के भीतर सीबीबाई जाँच की सिफारिश की गयी थी, वैसी ही पारदर्शिता दिखाते हुए राजभवन को उक्त स्टिंग मामले में भी सीबीआई जाँच की सिफारिश करनी जनहित में आवश्यक है।
नेगी ने कहा कि, जनसंघर्ष मोर्चा द्वारा अभी हाल ही में माह जनवरी 2019 को सीएम त्रिवेन्द्र रावत के खनन माफियाओं से सम्बन्धों एवं सैकड़ों करोड़ रूपये की खनन डील से सम्बन्धित मामलों में जाँच हेतु महामहिम राज्यपाल से भेंटकर आग्रह किया गया है तथा उक्त स्टिंग में भी खनन डील को सार्वजनिक किया गया है, जिससे मोर्चा की बात पुष्ट होती है। प्रदेश के मुख्यमन्त्री द्वारा अपने निजी स्वार्थों के चलते प्रदेश को भ्रष्टाचार की खाई में धकेल दिया गया है, जिस कारण प्रदेश में भ्रष्टाचारियों का राज स्थापित हो गया है।