देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की हरक सिंह के वन विभाग पर टेढ़ी नजर है। जिसका उदाहरण विभागों की समीक्षा बैठक में देखने को मिला। समीक्षा बैठक में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का हरक सिंह रावत के विभाग पर खास फोकस रहा।
सीएम रावत ने राजस्व से लेकर पौधरोपण, जंगलों में लग रही आग और लीसे की समय से नीलामी नहीं होने पर चिंता जताई और अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। सीएम की इस सख्ती के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। उसका बड़ा कारण यह है कि समीक्षा बैठक में सीएम ने दूसरे विभागों के बजाय वन विभाग को ही सबसे अधिक टारगेट किया। कुछ लोग इसे उनकी चिंता मान रहें, जबकि कुछ लोग इसे हरक सिंह रावत पर सियासी हमला मानकर देख रहे हैं। उसके कारण भी हैं, पहला कि इन दिनों उत्तरकाशी में कंट्रोल वर्निंग के नाम पर वरुणवत पर्वत पर आग लगाने का मामला भी गर्माया हुआ है। इसके अलावा प्रदेशभर में जंगलों में कई जगहों पर आग लग रही है। प्रदेश के सभी डिपो में लीसा बर्बाद हो रहा है। आलम यह है कि पिछले दो-तीन सालों से लीसे की निलामी ही नहीं हो पा रही है। इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
वन मंत्री ने लीसा नीलामी कराने का दावा तो किया था, लेकिन वह निलामी समय से नहीं करा पाए। पौधरोपण नहीं होने को लेकर भी सीएम नाराज दिखे। इसके सीयासी मायने इसलिए भी निकाले जा रहे हैं। क्योंकि समीक्षा बैठक को विभागों के रिजल्ट के तौर पर देखा जाता है। इस बैठक की बात करें तो जिस हिसाब से सीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को सख्त लहजे में तेजी से काम करने के निर्देश दिए। उससे एक बात तो साफ हो गई है कि वन विभाग में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।