देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2020 तक उत्तराखंड में गंगा को पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त करने की बात दोहराई। वहीं सीएम ने कहा सरकार पंचेश्वर बाँध परियोजना के विस्थापितों को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी मेडिकल संस्थानों को फीस वृद्धि के निर्णय को वापस लेने के निर्देश दिए गए है। किसी भी कालेज को मनमानी नहीं करने देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो आने वाले समय में विश्वविद्यालय एक्ट में सुधार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की पुस्तकें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। एनसीईआरटी की पुस्तकों की वजह से सत्र प्रभावित नहीं होगा। सभी छात्रों को पुस्तकें समय पर मिलेंगी। इसके लिए डीबीटी को भी लागू किया गया है। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। मुख्यमंत्री रविवार को हरिद्वार रोड स्थित एक स्थानीय होटल में एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
इसके आलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वरोजगार पर अधिक बल दे रही है। महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। ‘ग्राम लाईट’ नाम से एलईडी बल्बों एवं अन्य उपकरणों को बनाने एवं रेडिमेट गारमेंट्स बनाने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है। प्रदेश के 625 मंदिरों में स्थानीय उत्पादों पर आधारित लोकल प्रसाद बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों को विकसित किया जा रहा है।