देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में वित्तीय वर्ष के अंतर्गत वित्तीय स्वीकृति के सापेक्ष हुए व्यय और संचालित कार्यक्रमों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने केंद्र पोषित योजनाओं में लापरवाही बरत रहे अधिकारियों को योजनाओं का क्रियान्वयन समय से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी समय पर काम नहीं करेगा। वह कार्रवाई झेलने के लिए तैयार रहे। इतना ही नहीं उन्होंने लापरवाही को चरित्र पंजिका के साथ संलग्न करने के भी निर्देश दिए हैं।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री का वन विभाग पर विशेष ध्यान रहा। उन्होंने कहा कि हमारा वन क्षेत्र 71 फीसदी है। बावजूद इसके वन उपजों से हमें बहुत कम राजस्व मिल रहा है। सीएम रावत ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। लीसा की नीलामी समय पर नहीं होने को लेकर चिंता जाहिर की। जंगलों को आग से बचाने के लिये फायर लाइन पर राम बांस और आग न पकड़ने वाले पौधों के रोपण पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन जल स्रोतों का सोर्स फाॅरेस्ट एरिया है, वहां पर वन विभाग पौधरोपण पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि पौधरोपण से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय से काम करें।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डा.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्द्धन, मनीषा पंवार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।