देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं के सम्बंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और साध्वी उमा भारती से वार्ता करेंगे। मुख्यमंत्री दिल्ली में 15 फरवरी को मुख्यमंत्रियों की बैठक में किसाऊ व लखवाड जल विद्युत परियोजनाओं के सम्बंध में हिमाचल व राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से भी विचार विमर्श करेंगे।
सीएम रावत ने इस सम्बंध में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सिंचाई, सचिव ऊर्जा के साथ चर्चा की तथा प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाओं के सम्बंध में दिल्ली में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव नृपेन्द्र मिश्र के साथ हुई वार्ता की भी जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की नदियों की अविरल व निर्मल धारा को बनाये रखने के लिये संकल्पबद्ध है। नीरी द्वारा किये गये वैज्ञानिक अध्ययन व परीक्षण में भी यह तथ्य सामने आया है कि टिहरी बांध बनने के बाद गंगा नदी के जल की गुणवत्ता व निर्मलता में कोई कमी नहीं आयी है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने केन्द्रीय मंत्री उमा भारती को भी आश्वस्त किया कि राज्य सरकार गंगा की अविरलता के लिये संकल्पबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री सहित अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के संज्ञान में यह तथ्य भी लायेंगे कि जल विद्युत परियोजनाओं के बन्द होने से उत्तराखण्ड को एक हजार करोड रूपये की बिजली प्रतिवर्ष क्रय करनी पड रही है। जबकि हिमाचल एक हजार करोड की बिजली बिक्री कर रहा है। उत्तराखंड सरकार की ओर से खुद सीएम रावत पीएम मोदी के सामने ये तथ्य रखेंगे कि राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं के बन्द होने से उत्तराखंड को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।