देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारी पौड़ी, चमोली, टिहरी व रूद्रप्रयाग को निर्देश दिये हैं कि रेलवे के साथ समन्वय बनाकर हर प्रकार की प्रशासनिक सहायता उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से सम्बन्धित भूमि व मकान क्षतिपूर्ति व अन्य मामलों का निपटान के काम को भी प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। परियोजना से सम्बन्धित प्रत्येक जिले में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित करने के भी निर्देश दिये गए। उन्होंने मलबा निस्तारण के लिए चिन्हित डम्पिंग जोन आदि से सम्बन्धित स्वीकृतियां भी शीघ्र जारी किये जाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने लोनिवि को ब्यासी-नरकोटा रोड पुल निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए समयबद्धता के साथ पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे रेलवे को भारी मशीनों के आवागमन हेतु काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने विद्युत विभाग को रेलवे द्वारा वांछित स्थानों पर विद्युत कनेक्शन शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारी आपसी अनुभव साझा करते हुए कार्यो में आने वाली बाधाओं को जल्द से जल्द समाप्त करें। उन्होंने रेलवे को रेलवे मार्ग के सभी स्टेशनों की भव्यता का ध्यान रखने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों के निर्माण में पर्वतीय शैली की स्थापत्यकला का प्रयोग किया जाए।
रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया गया कि फाईनल लोकेशन सर्वे पूर्ण किया जा चुका है। प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा किया जा चुका है। साथ ही आवश्यक फोरेस्ट क्लीयरेंस प्राप्त की जा चुकी हैं। भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का वितरण कार्य जारी है। इसके लिए निर्गत 804.28 करोड़ रूपये के सापेक्ष 623.92 करोड़ रूपये वितरित किये जा चुके हैं। पूरे प्रोजेक्ट के लिए जिओ-टेक्नीकल इनवेस्टीगेशन पूर्ण हो चुकी है। रेल परियोजना के प्रथम 6 किलोमीटर भाग में चंद्रभागा नदी पर एक आर.ओ.बी. व ऋषिकेश में एक आर.ओ.बी. व एक आर.यू.बी. का कार्य फरवरी 2017 में अवार्ड किया जा चुका है। कार्य प्रगति पर है जो कि फरवरी 2020 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। वीरभद्र व नया ऋषिकेश के मध्य परियोजना के पहले ब्लॉक का कार्य अवार्ड किया जा चुका है और फरवरी 2020 तक इसे पूरा किया जाना सम्भावित है।
परियोजना के तहत 16 टनल के कार्य को 9 पैकेज में बांटा गया है। इन सभी पैकेज के लिए डीडी एंड पीएमसी कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड किये जा चुके हैं। इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार लछमोली व श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर आर.ओ.बी. का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। श्रीनगर, गौचर व सिवाइ में रोड ब्रिज का कार्य हाल ही में प्रारम्भ किया गया है।
वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड के चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ व बद्रीनाथ को रेलवे सेवा से जोड़ने के लिए लगभग 327 किलोमीटर की कुल लम्बाई की 4 रेलवे लाईन अलाईनमेंट पर कार्य किया जाएगा। इनमें अलाईनमेंट-1 में उत्तरकाशी- बड़कोट, अलाईनमेंट-2 में डोईवाला-मनेरी, अलाईनमेंट-3 में कर्णप्रयाग-सोनप्रयाग व अलाईनमेंट-4 में साईकोट-जोशीमठ रेलवे लाईन का निर्माण प्रस्तावित है। इस रेल प्रोजेक्ट में कुल 21 रेलवे स्टेशन व 61 टनल बनायी जाएंगी। बताया गया कि चारधाम रेल प्रोजेक्ट का जियो मैपिंग, हाईड्रोलॉजीकल स्टडी, ड्रॉन सर्वे व एनवायरमेंटल डेस्कटॉप स्टडी की जा चुकी है। इसका फाईनल लोकेशन सर्वे जनवरी 2020 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव शैलेश बगोली, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, वीडियोकान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग, पौड़ी, चमोली व टिहरी, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर हिमांशु बडोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।