मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्र सरकार की प्राथमिकताओं वाले कार्यक्रमों की समीक्षा के अन्तर्गत गुरूवार को सचिवालय में शहरी विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। जिन योजनाओं की समीक्षा की गई उनमें स्मार्ट सिटी प्रधानमंत्री आवास योजना तथा अमृत योजना प्रमुख है। समीक्षा बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव कुणाल कुमार तथा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों तथा सभी जिलाधिकारियों को शहरी क्षेत्रों की स्वच्छता को शीर्ष प्राथमिकता में रखने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों एवं सुपरवाइजरों की जवाबदेही तय की जाय। यदि आवश्यक हो तो उनकी परफाॅरर्मेंस को उनकी चरित्र पंजिका से लिंक किया जाय। उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश है। यहां आने वाले यात्री प्रदेश की अच्छी छवि लेकर वापस जायें। शहरी क्षेत्रों की जनता की प्राथमिकता स्वच्छता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाएं धरातल पर दिखनी चाहिये तथा सभी प्रयासों का आउटकम(परिणाम) क्या निकला, इस पर बात होनी चाहिये। जनता को परिणाम से सरोकार होता है।
‘‘आप कुछ भी करें, बहुत अच्छा काम करें परन्तु यदि धरातल पर परिणाम नहीं है तो सब बेकार है’’ सीएम ने कहा। गंदगी, जल भराव और सडकों पर गड्डे इन समस्याओं से पूर्ण रूप से छुटकारा दिलाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं को चिन्हित कर उसे तत्काल एड्रेस करने वाला सिस्टम बनाया जाय। अतिक्रमण हटाओ अभियान बिना किसी भेदभाव और दबाव के चलाया जाय। महापुरूषों की प्रतिमाओं की नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था करें।
स्मार्ट सिटी
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिये निर्धारित गतिविधियों में शीर्ष चार-पांच गतिविधियां चिन्हित कर उन पर पूरा ध्यान केन्द्रित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि स्माट सिटी के लिये पूर्व निर्धारित क्षेत्रफल में कुछ वृद्धि करने पडे तो उसका भी प्रस्ताव बनायें। भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने कहा कि स्मार्ट सिटी कम्पनी को पूरी फ्लेक्सिविलिटी है और औचित्यपूर्ण प्रस्ताव पर निश्चित रूप से विचार किया जायेगा।
सड़कों को क्षतिग्रस्त से बचाने के लिये स्थाई डक्ट बनाने पर विचार किया जाय- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा विद्युत तार, पेयजल लाईन, सीवर, टेलीफोन आदि हेतु सड़कों की खुदाई कर दी जाती है। इसको रोकने के लिये सभी मुख्य मार्गों पर परमानेंट डक्ट बनाने पर विचार किया जाय। इस डक्ट में समय-समय पर आवश्यकतानुसार तारें-लाइनें डाली जा सकती हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को इस दिशा में व्यापक विचार-विमर्श करने के निर्देश भी दिये।
अधिकारी पैदल और दो पहिया वाहनों पर भ्रमण कर देखें शहर का हाल-सीएम
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नसीहत दी कि वे चार पहिया वाहनों के स्थानों पर दो पहिया वाहनों के द्वारा भीडभाड वालों इलाकों में जाकर स्वच्छता, ट्रैफ़िक आदि का हाल ले और व्यवहारिक, प्रभावी समाधान निकालें।
प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी)
मुख्यमंत्री ने मार्च 2019 तक प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु एक लाख 4971 लाभार्थियों को आवास अनुमन्य करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गरीब को घर देना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। वर्ष 2022 तक सबके लिये आवास के प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि यदि दिशा में मौजूदा आवास नीति में कोई प्रावधान आड़े आ रहे हो तो नीति में संसोधन भी किया जायेगा। ऋण से जुड़े अनुदान द्वारा किफायती आवास(क्रेडिट लिंक सब्सिडी) योजना में बैंकों द्वारा भारी मात्रा में छोटी-छोटी कमियों पर आवेदन निरस्त किये जाने की बात पर मुख्यमंत्री ने बैंकों को संवेदनशील रूख अपनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी तथा सभी जिलाधिकारियों को जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की मीटिंग में इस तथ्य को को उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा निरस्त किये गये आवदनों की रैण्डम जांच जिलाधिकारियों स्वयं करें। बैकों को इस महत्वपूर्ण अभियान में सकारात्मक भूमिका के लिये प्रेरित किया जाय।
अमृत मिशन
मुख्यमंत्री ने शहरी परिवारों को जलापूर्ति सीवरेज, ड्रेनेज तथा शहरी परिवहन उपलब्ध करने हेतु चलाई जा रही अमृत योजना की समीक्षा भी की। उन्होंने भारत सरकार से इस योजना से कुछ नये शहरों को शामिल करने का अनुरोध करने हेतु प्रस्ताव बनाने को कहा। वर्तमान में देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रूड़की, रूद्रपुर, काशीपुर तथा नैनीताल 07 मिशन शहर इस योजना में हैं। बताया गया कि 593 करोड़ रूपये की कुल 138 योजनाओं के सापेक्ष 80 की डीपीआर मंजूर हो गई है तथा कार्य प्रगति पर है। शेष 58 योजनाओं में डीपीआर मंजूरी का कार्य अथवा शासनादेश निर्गत होने का कार्य लंबित है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि डीपीआर मंजूरी से लेकर कार्यपूर्ण होने तक हर एक चरण की माॅनिटरिंग करें। केन्द्र सरकार को जो भी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजना है उसे समय पर भेजें।
नियमित जलापूर्ति और वनाग्नि नियन्त्रण पर भी दिये निर्देश
बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री ने जनपदों में जलापूर्ति की नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने वनों की आग की घटनाओं को रोकने के लिये भी विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी। प्रधानमंत्री ने 2022 तक जिस न्यू इंडिया का लक्ष्य रखा है इस हेतु सभी को आगे आना होगा। राज्य सरकार के विज़न 2020 के लिये भी जिलाधिकारी काम करें।