देहरादून: उत्तराखडं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को थानों के बाला सुंदरी मन्दिर परिसर में एलईडी ग्राम लाईट प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूवात की जा रही है। सीएम रावत ने कहा कि ग्राम स्तर तक महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना जरूरी है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान को सफल बनाने में मदद मिलेगी। यदि महिलाएं स्वावलम्बी हो गई तो स्वयं सशक्त हो जायेंगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने महिला स्वयं सहायता समूहों से अपेक्षा की है कि इस एलईडी ग्राम लाईट प्रशिक्षण के उपरान्त एलईडी से सम्बन्धित कार्यों में दक्षता प्राप्त कर अच्छा कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि उत्पादों के तैयार होने के साथ ही मार्केटिंग की व्यवस्था की जायेगी। एलईडी के लिए द्वितीय प्रशिक्षण शीघ्र ही कोटाबाग में दिया जायेगा। सीएम रावत ने कहा कि भविष्य में ग्राम पंचायत स्तर पर भी महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु एलईडी ग्राम लाईट प्रशिक्षण दिया जायेगा। इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और ‘चाइनीज’ उत्पादों की खरीद पर भी रोक लगेगी। इन उत्पादों की बिक्री से राजस्व की भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि हमें सभी संसाधनों का सही उपयोग करने की आवश्यकता है। वेस्ट को बेस्ट में बदलने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों को एलईडी उपकरण बनाने के लिए किट का वितरण भी किया। थानों में 10 महिला स्वयं सहायता समूहों की 50 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं।
ऊर्जा सचिव राधिका झा ने कहा कि स्थानीय स्तर पर महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह एक अच्छी पहल है। इस एलईडी ग्राम लाईट प्रशिक्षण को गांव-गांव में जाकर आगे बढ़ाया जायेगा। जिससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण सरल भी है और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए उपयोगी भी है। एलईडी ग्राम लाईट प्रशिक्षण के प्रारम्भिक चरण में महिला स्वयं सहायता समूहों एलईडी झूमर, एलईडी झालर, एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूबलाईट एवं सोलर एमरजेन्सी लाईट बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 5 दिनों तक दिया जायेगा।