देहरादून: बुधवार को मानदेय की मांग को लेकर डोईवाला, मोरोवाला, दीपनगर व जिला देहरादून के अन्य स्थानों से आई महिलायें द्वारा उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, देहरादून निर्माण कार्यालय का घेराव किया गया।
ज्ञात हो कि, उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, देहरादून एवं निसबड संस्था द्वारा मिलकर पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की आश्रित महिलाओं के लिए दो माह का कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें प्रशिक्षण के पश्चात लाभार्थियों को निसबड द्वारा प्रमाण पत्र एवं उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पूर्व में दो हजार रुपये (जो कि वर्तमान में बढ़ाकर चार हजार कर दिया गया है) दिये जाने का प्रावधान है। लेकिन महिलाओं का आरोप है कि, पिछले लगभग डेढ़ साल से भी अधिक समय पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं को निसबड एवं उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, देहरादून में बार-बार सम्पर्क करने के पश्चात भी मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इसके साथ-साथ जिन संस्थाओं को प्रशिक्षण कराने का कार्य सौंपा गया है। उन संस्थाओं का भी भुगतान अभी तक नहीं किया गया है जबकि संस्थाओं ने अपना कार्य पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ किया है।
साथ ही उनका कहना है कि, लम्बे समय से इस मामले को लेकर उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की डायरेक्टर दमयंती रावत एवं नवाब सिंह से सम्पर्क किया जा रहा है परन्तु बार-बार कहने के बावजूद भी किसी भी अधिकारी द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है।
इसी मांग को लेकर आज जिला देहरादून के विभिन्न स्थानों से लगभग 60-70 महिलाऐं विभागीय कार्यालय में दमयंती रावत (डायरेक्टर) से मिलने गई। कहा कि, दमयंती रावत कार्यलय में अनुपस्थित थी तो नवाब सिंह (अकाउंटेंट) से मुलाकात करके उन्हे अपनी समस्या से अवगत कराया एवं यह अनुदान राशि का भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया इस सम्बन्ध में पूछताछ की गई।
जबकि कोटद्वार में अभी केवल 2 माह पहले ही श्रम मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा अपनी विधानसभा में इस योजना की शुरुआत की गई थी और वहां की महिलाओं को प्रशिक्षण देने के पशचात केवल 8 दिन अन्दर ही प्रमाण पत्र एवं चार हजार रुपये के चैक एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन करके वितरित भी किये जा चुके हैं। जबकि डोईवाला विधानसभा मुख्यमंत्री की विधान सभा है फिर भी श्रम मंत्री हरक सिंह रावत एवं श्रम विभाग द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है, जिसका खामियाजा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की गरीब महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है।
उनका कहना है कि, काफी समय से लंबित मानदेय को लेकर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं ने दमयंती रावत एवं नवाब सिंह से बार-बार फोन द्वारा सम्पर्क करने पर न तो कोई संतोषजनक उत्तर मिल पाया है और अब तो या तो फोन उठाया ही नहीं जाता या फिर फोन को बन्द कर दिया जाता है जिससे महिलाओं में अत्यधिक रोष बढ़ता ही जा रहा है।
इसी सापेक्ष में आज महिलाओं द्वारा कार्यालय का घेराव किया गया और कहा कि, अगर शीघ्र ही मानदेय का भुगतान नहीं किया गया तो निश्चित रुप से ये एक बड़े आन्दोलन का रुप ले लेगा जिसका वर्तमान सरकार को जवाब देना ही पडे़गा।