देहरादून: लंबे समय बाद सीएम त्रिवेंद्र रावत जनता दरबार लगा है। यह दरबार मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के जनता दर्शन हॉल में जनता दरबार लगाया गया। इस दौरान अपनी फरयाद लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष पहुंचे 108 व खुशियों की सवारी के परिवार के लोगों को नहीं जाने दिया गया। बताया जा रहा है कि 108 के परिवार के लोगों को बाहर कर दिया गया है।
बता दें सीएम त्रिवेंद्र रावत ने करीब एक साल बाद जनता दरबार लगा है। जिसमें कहा जा रहा था कि सीएम त्रिवेंद्र रावत जनता की समस्याएं सुनेंगे साथ ही उन समस्याओं का समाधन भी किया जाएगा। लेकिन दरबार में अपनी गुहार लेकर पहुंचे 108 कर्मियों की समस्या का समाधान करना तो दूर बिन फरयाद सुने ही दरबार में जाने से पहले ही बाहर निकाल दिया गया।
गौरतलब है कि नई कंपनी को काम मिलने से बेरोजगार हुये 108 व खुशियों की सवारी के पूर्व कर्मी उसी स्थान पर उसी मानदेय में उसी पद पर समायोजित करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर निरंतर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मियों का आरोप है कि, उन्हे न अभी तक मानदेय दिया गया है, जिससे वह आर्थिक तंगी से भी जूझ रहे हैं। लेकिन सरकार कर्मियों की ओर उदासीन रवैया बरत रही है जो निंदनिय है। आपातकालीन सेवा 108 के पूर्व कर्मचारियों की न केवल नौकरी छिन गई, बल्कि बकाया वेतन भी उन्हें अब तक नहीं मिला है। उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर पुरानी कंपनी जीवीके इएमआरआइ से दो माह का बकाया वेतन और भत्ते दिलाने की मांग की है। कर्मियों का कहना है कि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जनता दरबार तो लगाते हैं, पर वहां फरियादी को ही नहीं पहुंचने दिया जा रहा है।