देहरादून: पिछले समय से प्रदेश में चल रहे क्रिकेट टीम की चयन प्रक्रिया को लेकर युवा उत्तराखंड क्रांति दल ने अनियमितताओं का आरोप लगाया है। केंद्रीय महामंत्री युवा उक्रांद सुशील कुमार ने कहा कि, आज प्रदेश में क्रिकेट टीम का चयन केवल पैसे और पहुँच का अभिप्राय बन कर रह गया है एवं आम उत्तराखंडी युवा की पहुँच से बाहर है।
उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री और खेल मंत्री के समक्ष क्रिकेट चयन में हुई अनिमित्ताएँ एवं प्रदेश खिलाड़ियों के साथ भेदभाव होने पर भी चुप हैं। साथ ही कहा कि, प्रदेश के हर युवा को चयन प्रक्रिया में जाने का अधिकार मिलना चाहिए था लेकिन, ये अधिकार कुछ मुठीभर नेताओं एवं एसोसिएशन के अधिकारियों के चाहने वालों तक ही सीमित रह गया। उन्होंने कहा कि, युवा उक्रांद ने सरकार एवं संबंधित खेल अधिकारीयों से निष्पक्ष चयन की मांग की, लेकिन सब मुँह पर पट्टी बांध कर प्रदेश के युवाओं को धोखा देने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो अधिकारी जो एसोसिएशन से संबंधित है, कंससेस कमेटी का पार्ट हैं, उनके एकेडमी के खिलाड़ी ट्रायल दे रहे हैं।
उन्होंने गंभीर आरोप लगाये हुए कहा कि, यूसीसीसी के एक मैंबर चंद्रकांत आर्य के पुत्र को 22 सदस्यों की टीम में चयन होना, अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी के मालिक ईश्वरन जो कि उतराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के मेंबर है, जो कि यूसीसीसी का पार्ट है, उनके स्टेडियम पर ट्रायल को कराया जाना या फिर एक ओर मेंबर संजय गुसाईं, जो कि यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से नॉमिनेटेड हैं तथा तनस क्रिकेट अकादमी के संचालन भी कर रहे हैं उनके पुत्र का ट्रायल में सम्लित होना था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, अन्य बाहरी खिलाड़ियों का ट्रायल में आना चयन प्रक्रिया पर बहुत बड़ा प्रश्न लगता है तथा हितों के टकराव का मामले को दर्शाता है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि, सरकार इस पर मौन धारण किये बैठी है।
केन्दीय महामंत्री सौरभ आहूजा ने कहा कि, आज सपनो की उड़ान भरता युवा खिलाड़ी अपने आप को शोषित महसूस कर रहा है। प्रदेश का हर खिलाड़ी मायूस है, जिसका कारण प्रदेश में व्याप्त भ्रष्ट एवं अपारदर्शी व्यवस्था है। साथ ही कहा कि, उक्रांद खिलाड़ियों से हो रहे शोषण के विरुद्ध संघर्ष को जारी रखेगा और आने वाले समय में आंदोलन को और तेज़ करेगा। उन्होंने कहा कि, यदि समय रहते सरकार इस पर सशक्त कदम नही उठाती है तो युवा उक्रांद प्रदेशव्यापी आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार एवं खेल से सम्बंधित अधिकारियों की होगी।