नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को क्लीन चिट मिल गई है। तीन जजों की समिति ने गोगोई को सबूत नहीं मिलने के कारण ये क्लीन चिट दी है।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट की एक महिला कर्मचारी ने सीजेआई पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे। आरोप था कि महिला कर्मचारी ने 19 अप्रैल को लगाए आरोप में कहा था कि चीफ जस्टिस ने पहले उसका सेक्सुअल हैरेसमेंट किया, फिर उसे नौकरी से बर्खास्त करवा दिया। 22 जजों को भेजे गए शपथपत्र में महिला ने कहा है कि रंजन गोगोई ने पिछले साल 10 और 11 अक्टूबर को अपने घर पर उसके साथ यौन दुर्व्यवहार किया।
जानकारी के मुताबिक, महिला ने कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया, इसमें कहा गया है कि जब चीफ जस्टिस की यौन प्रताड़ना की कोशिश का उसने विरोध किया तो उन्होंने उसे अपने रेजिडेंस ऑफिस से हटा दिया। इस ऑफिस में वह अगस्त 2018 से ही काम कर रही थी। वहां से हटाए जाने के दो महीने बाद उसे दिसंबर महीने में बर्खास्त कर दिया गया। उसे हटाने की तीन वजहों में एक ये थी उसने बगैर पूर्व अनुमति के कैजुअल लीव ले ली थी। इसके बाद उसके पूरे परिवार को शिकार बनाया गया। दिल्ली पुलिस में काम कर रहे उसके पति और देवर दोनों को 28 दिसंबर 2018 को सस्पेंड कर दिया गया।