नई दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दल बिसात बिछाने में जुट गए हैं। चुनावी मैदान में सूरमाओं को उतारे जाने का काम जारी है। कुछ योद्धाओं का ऐलान हो भी चुका है। सभी राजनीतिक दलों के सूरमा अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। हर कोई अपने दलों को मजबूत करने के लिए दूसरे दलों में अब तक आक्रांता की भूमिका में खड़े योद्धा को अपने साथ मिलाने में कोई संकोच नहीं कर रहे हैं। दुश्मन के हर बजीर को अपना बनाकर दुश्मन को युद्ध में उतरने से पहले ही कमजोर करने की हर तरकीब भिड़ाई जा रही है।
हर राजनीतिक दल अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। जनता को सतरंगी सपने दिखाए जा रहे हैं। ख्वाबों की ऐसी दुनिया में ले जाया जा रहा है, जहां जाने के बाद हर कोई उनका हो जा रहा है। एक तरह लोकतंत्र के चुनावी त्योहार में राजनीतिक दल अपना हर दांव लगा रहे हैं। दूसरी ओर सटोरे भी लोकतंत्र के इस त्योहार में अपने सटोरी तंत्र को और मजबूत कर रहा है। चुनाव में अलग-अलग लोग, अलग-अलग पार्टियां उम्मीदवार पर पैसा लगाते हैं, लेकिन उनका भाव सटोरी तय करता है।
सबसे पहले बात राजस्थान की.. जहां सट्टा मार्केट का सर्वे कहता है कि, वसुंधरा का राज खत्म होगा और हाथ की वापसी होगी। सट्टा मार्केट के मुताबिक राजस्थान में कुल 200 सीट में से कांग्रेस को 131-132 सीटें मिलने जा रही हैं तो, वहीं बीजेपी का स्कोर 51-54 के आस-पास ही रहेगा। यानी राजस्थान में कांग्रेस बड़ी जीत की ओर है। भाव की बात करें तो दोनों पार्टियों का भाव बराबर है।
मध्य प्रदेश में भी बीजेपी की ही सरकार है, लेकिन मार्केट उनकी राह मुश्किल बता रहा है। सट्टा मार्केट की मानें तो आने वाले चुनावों में विधानसभा की 230 सीटों में से कांग्रेस को 112-115 सीटें मिलने का अनुमान है। बीजेपी के खाते में 100 से 103 सीटें आ रही हैं। यानी 15 साल से राज कर बीजेपी को अच्छी टक्कर मिलने जा रही है। छत्तीसगढ़ में सट्टा मार्केट बिल्कुल बैलेंस नजर आ रहा है। सटोरी भी इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि यहां किसकी सरकार बनने जा रही है। छत्तीसगढ़ में भी 15 सालों से बीजेपी का ही शासन है, तब भी कांग्रेस की वापसी को लेकर सटोरिये खास उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं। सट्टा मार्केट दोनों पार्टियों को 40-42 सीटें दे रहा है।