रुद्रप्रयाग: वायु सेना के चिनूक हेलीकाप्टर ने आज केदारनाथ धाम में की सफल लेडिंग। पिछले कुछ दिनों से चिनूक के लिये हेलीपैड को तैयार किया जा रहा था। यह चिनूक हेलीकाप्टर वर्ष 2018 में केदारनाथ मंदिर के पीछे स्थित एमआई 17 हेलीपैड पर लैडिंग करते समय क्रेश हुये वायुसेना के एमआई 17 हेलीकाप्टर के मलबे को उठाने के लिया आया था।
2018 में केदारनाथ मंदिर के पीछे स्थित एमआई 17 हेलीपैड पर लेडिंग करते समय वायुसेना का एमआई 17 हेलीकाप्टर के्रश हो गया था। हादसे में पायलट को हल्की चोटे आई थी। जबकि हेलीकाप्टर क्षतिग्रस्त हो गया था। उस समय वायुसेना ने क्षतिग्रस्त एमआई 17 हेलीकाप्टर को वहीं छोड़ दिया था। कुछ दिन पहले वायुसेना के अधिकारी केदाराथ धाम पहुंचे थे और उन्होंने क्षतिग्रस्त हेलीकाप्टर के मलबे का जायजा लिया था।
चिनूक हेलीकाप्टर की केदारनाथ धाम में लेडिंग एक बहुत ही अच्छी खबर है। यह हेलीकाप्टर न सिर्फ सीमा पर चीन की गतिविधियों पर सेना के सहायक के रूप में साबित होगा बल्कि भविष्य में केदारनाथ धाम में यात्री इस तरह के हेलीकाप्टर की ज़रूर कामना करेंगे। चिनूक हेलीकॉप्टर 45 सैनिकों, तोपखाने की बंदूकें या हल्के बख्तरबंद वाहनों को उच्च ऊंचाई तक लेने में समर्थ है।
यह हेलीकॉप्टर न केवल सीमा पर चीन की गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए सेना का सहायक साबित होगा, बल्कि भविष्य में इस प्रकार के हेलीकॉप्टर का उपयोग केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए किया जाना चाहिए। इस प्रकार के हेलीकॉप्टर लगभग 45 लोगों को लेकर एक समय में ही केदारनाथ धाम ले जाने की क्षमता रखता है। जबकि इतने लोगों की उड़ान भरने के लिए लगभग आठ सिंगल इंजन हेलीकाप्टरों का प्रयोग वर्तमान में किया जा रहा है। इस हेलीकाप्टर के प्रयोग से अधिक से अधिक यात्री प्रतिदिन उड़ान भर सकते है। साथ ही यात्री किराया में भी कमी आएगी।