चीन ने पहली बार अरुणाचल और पूरे जम्मू कश्मीर को माना भारत का हिस्सा

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नई दिल्ली: चीन में दूसरी बार बेल्ट एंड रोड (BRI) फोरम का आयोजन हो रहा है। गुरुवार को यहां दुनिया भर के नेता जमा हुए। हालांकि भारत इस बार भी फोरम का बहिष्कार कर रहा है। अमेरिका ने भी इस बार फोरम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इन सबके बीच चीन का एक आश्चर्यचकित करने वाला रूख सामने आया है। इस फोरम के दौरान चीन ने BRI रूट का एक नक्शा जारी किया जिसमें पूरे जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया है।

चीन के इस रूख पर तब और हैरानी होती है जब भारत लगातार चीन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का बॉयकाट कर रहा है। इकनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, यह नक्शा चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा तीन दिवसीय बीआरआई सम्मेलन के दौरान जारी किया गया। गौर करने वाली बात ये है कि चीन ने हाल ही में कई ऐसे नक्शों (Maps) को नष्ट कर दिया था जिनमें अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाया गया था। जब भी भारत का शीर्ष नेतृत्व अरुणाचल का दौरा करता है तो चीन हमेशा इसका विरोध करते रहा है। ऐसे में चीन का यह रूख हैरान करने वाला है।

इससे पहले चीन ने बीआरआई को लेकर जम्मू-कश्मीर का जो नक्शा जारी किया था उसमें पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को पाकिस्तान का हिस्सा बताया था। चीन के इस कदम से विशेषज्ञ भी हैरान हैं और पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं ये चीन की कोई नई चाल तो नहीं है, क्योंकि वह किसी भी तरह से अपनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना बीआरआई में भारत को शामिल करना चहता है।

पिछले साल नवंबर में जब कराची में चीन वाणिज्य दूतावास पर आतंकी हमला हुआ था तो उसके बाद चीन की सरकारी मीडिया ‘सीजीटीएन’ ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को पाकिस्तान के नक्शे से अलग दिखाया था। भारत हमेशा से ही चीन की सीपैक परियोजना का विरोध करता रहा है क्योंकि भारत मानता है कि यह भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करता है। सीपैक चीन के बेल्ट और रोड पहल (बीआरआई) का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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