हरिद्वार से अरुण कश्यप की रिपोर्ट
हरिद्वार। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला एक और मामला सामने आया है। बुजुर्ग माँ-बाप से परेशान बच्चों ने उन्हें घर से निकाल दिया। आलम यह है कि बुजुर्ग दंपति के पास न कोई घर है और न ही ठंड के सितम से बचने के लिए पर्याप्त साधन।
हरिद्वार शहर से 40 किलोमीटर दूर जगराम और सावित्री देवी नाम की एक बुजुर्ग दंपति इस भयानक सर्दी मे एक टूटी सी झोपड़ी मे रहने को विवश है। झोपडी में ठंड से बचने के लिए इनके पास न तो गर्म कपडे है और ना पक्की छत। बुजुर्ग माँ-बाप को उनके बच्चों ने बस यह कहा कर घर से निकाल दिया कि अब उनसे उनकी सेवा नहीं हो सकती। बच्चों द्वारा घर से निकालने के बाद बुजुर्ग दंपति एक खेत के किनारे टूटी झोपड़ी मे रहकर अपना समय काट रहे हैं। अफसोस की बात है कि खुद को जनपद स्तरीय नेता बताने वाले यहॉ के स्थानीय जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान ही नहीं जा रहा है। जगतराम का कहना है कि रात में इतनी ठंड लगती है कि रूह तक कांप उठती है।
इन दिनों पूरा उत्तर भारत ठंड का सितम झेल रहा है, कंपकपा देने वाली सर्द हवाऐ जैसे सीना चीर देना चाहती है। ऐसे ठंड में झोपडी में एक रात तो क्या कुछ घंटे भी नहीं बिताये जा सकते। लेकिन न जाने उन बच्चों की बुद्धि को क्या हो गया जो बुजर्ग माँ-बाप का दर्द उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है।
गौरतलब है कि बीते रोज गुजरात के राजकोट से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया था। जहा एक बेटे ने अपनी बुजुर्ग और बीमार मां की देखभाल से तंग आकर उसकी हत्या कर दी थी। युवक ने अपनी माँ को छत से फेंककर उसकी हत्या कर दी थी।
ऐसी ठण्ड में बुजुर्ग दंपति का कौन सहारा होगा, यह देखने वाली बात होगी।