देहरादून: बाल संरक्षण आयोग ने स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के बच्चों को फेल करने के मामले में सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। बाल संरक्षण आयोग सदस्य सीमा डोरा ने बच्चों को फेल करने वाले कुछ स्कूलों को नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल एक से आठ तक के बच्चों को आरटीई के तहत फेल नहीं कर सकता है। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है।
उन्होंने कहा कि स्कूल मनमाने तरीके से बच्चों को फेल नहीं कर सकते। आयोग का अपना काम सख्ती और जिम्मेदारी के साथ कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। महंगी फीस को लेकर उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर सुप्रीम कोर्ट की कोई गाइडलाइन नहीं आई है। जैसे ही गाइडलाइन आती है। उस पर भी अमल किया जाएगा। सीमा डोरा ने एनसीईआरटी लागूं करने के सरकार के फैसले की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुनने में आ रहा है कि सरकार फीस एक्ट भी लाने जा रही है। उससे मनमानी और महंगी फीस पर जरूर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण आयोग किसी के दबाव में काम नहीं करता। सुप्रीम कोर्ट से जो नियम बनाए गए हैं, उन्हीं के आधार पर काम करता है।