दीपक जोशी की रिपोर्ट;
पिथौरागढ़: 18 सितंबर 2020; पिथौरागढ़ जिले के दो दिवशीय भ्रमण पर पंहुचे प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को पिथौरागढ़ जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र तहसील बंगापानी के राजकीय इंटर कालेज बरम में आपदा प्रभावितों हेतु बनाए गए राहत शिविर में पंहुचकर, राहत शिविरों का निरीक्षण करने के साथ ही आपदा प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनी।
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इस दौरान उन्होंने आपदा की घटना में मृतकों के प्रति अपनी संवेदना ब्यक्त करते हुए कहा कि दुःख की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने शिविर में आपदा प्रभावितों को प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं का भी जायजा लेते हुए उनसे जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को संबोधित करते हुए कहा कि आपदाग्रस्त परिवारों की परिस्थिति उनके कष्ट वह समझ सकते हैं। जो भी प्रभावित हैं, जांच के उपरांत उनकी सुविधा अनुसार उनके पुनर्वास की ब्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ द्वारा इस हेतु प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में विस्थापन की नीति नहीं थी। अब पुनर्वास हेतु सरकार द्वारा नीति बना दी गई है। इन 2 वर्षों में 350 परिवारों को विस्थापन करने का कार्य भी किया गया। नीति बनने के उपरांत कार्य करने में सुविधा भी मिलेगी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित व्यक्ति को रोजगार से जोड़ा जाएगा। वह मुख्यमंत्री स्वरोगार योजना जैसी सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर अपना स्वरोगार कर सकता है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को मानक से बढ़कर ही मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न घोषणाऐं भी की। जिसमें दारमा घाटी में विभिन्न सड़कों का निर्माण, नगर पालिका धारचूला क्षेत्रान्तर्गत तट बंध निर्माण के 2 करोड़ 50 लाख, सीमांत क्षेत्र की तीनों घाटियों ब्यास, दारमा व चौदास में 5 मोबाइल टावर जो भी कंपनी स्थापित करेगी, उसे राज्य सरकार 40 लाख रुपये वहन करेगी।
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