नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को कोर्ट की रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपए जमा कराने की शर्त पर विदेश जाने की इजाजत दी है। कोर्ट ने कहा है कि पहले 10 करोड़ जमा कराओ फिर विदेश जा सकते हो. कोर्ट ने उन्हें कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने की चेतावनी देते हुये आईएनएक्स और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच में सहयोग करने की हिदायत दी।
सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति से आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों में पूछताछ के लिए 5, 6, 7 और 12 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, आपको 10 से 26 फरवरी के बीच जहां जाना हो वहां जाएं, लेकिन पूछताछ में सहयोग जरूर करें। कोर्ट ने सोमवार को ईडी से वह तारीख बताने के लिए कहा था जिस दिन वह कार्ति से पूछताछ करना चाहती है।
पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के यहां कार्ति को 10 करोड़ रुपए जमा कराने के साथ ही लिखित में यह आश्वासन देने का निर्देश दिया कि वह वापस आएंगे और जांच में सहयोग करेंगे। इसके बाद ही उन्हें विदेश जाने की इजाजत दी जाएगी। कार्ति ने 10 से 26 फरवरी और फिर 23 से 31 मार्च के बीच विदेश जाने की इजाजत मांगी थी। पीठ कार्ति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने टोटस टेनिस लिमिटेड कंपनी की तरफ से आयोजित इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति मांगी थी।
कार्ति आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं जिनकी जांच ईडी और सीबीआई कर रही है. इनमें से एक मामला पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रूपये देने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से जुड़ा हुआ है। पीठ ने सोमवार को कहा था कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि कार्ति जांच एजेंसी के सामने पेश हों और टेनिस के लिये भी जाएं। साथ ही आगाह किया था कि अगर बचने की कोशिश करेंगे तो उनके लिये कोई टेनिस नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कार्ति की याचिका पर जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया था। पिछले साल 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को 20 से 30 सितंबर तक ब्रिटेन जाने की अनुमति दी थी।