देहरादून : उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के आरोपों का पहाड़ टूट गया है। नेगी ने सीएम रावत पर विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र में निर्वाचन आयोग को झूठा शपथ पत्र और सम्पत्ति को छुपाने जैसे तमाम आरोप लगाए हैं। मोर्चा ने भारत निर्वाचन आयोग से मांग की है कि जल्द ही सीएम त्रिवेंद्र द्वारा दिये गये झूठे शपथ पत्र मामले में कारवाही की जाये।
बुधवार को राजधानी देहरादून के एक निजी होटल में प्रेस वार्ता कर रघुनाथ ने कहा कि सीएम रावत द्वारा वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र में निर्वाचन आयोग को झूठा शपथ पत्र देने के मामले में बीते साल 30 अक्टूबर को भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज करायी थी जबकि 6 नवम्बर को मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने भारत निर्वाचन आयोग के महानिदेशक दिलीप शर्मा से मुलाकात कर मामले की जानकारी दी थी।
नेगी के आरोपों का सिलसिला यही नहीं थमा उन्होंने कहा कि सीएम रावत द्वारा वर्ष 2012 के नामांकन पत्र में अपनी उम्र 52 वर्ष अंकित की जबकि उस समय उनकी उम्र 51 वर्ष थी साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के चुनाव में सीएम रावत ने अपनी उम्र 54 वर्ष दर्शायी थी जबकि उस वक्त आयु 53 वर्ष थी। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव में मुख़्यमंत्री ने अपनी उम्र 54 वर्ष दर्शायी लेकिन उनकी वास्तविक उम्र 56 वर्ष थी।
इस दौरान नेगी ने कहा कि सीएम रावत द्वारा अपनी पत्नी के नाम पांच भूखण्ड की कीमत मात्र 28 लाख दर्शायी है मगर उक्त सम्पत्ति का बाजारू मूल्य करोड़ों रूपया है।संपत्तियों में से तीन बीघा भूमि सहस्त्रधारा से लगती हुई रिसोर्ट के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली भूमि है, जिनकी कीमत करोड़ों से पार हैं।