देहरादून, 29/04/2021: पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व प्रणेता वनाधिकार आन्दोलन किशोर उपाध्याय ने सरकार के चार धाम यात्रा स्थगित कर देने को ठीक कहा है और कहा है कि “शरीरम् खलु धर्म साधनम्” जीवित रहेंगे, तो, धर्म-कर्म भी हो जायेगा।”
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लेकिन किशोर उपाध्याय ने सरकार पर कुछ सवाल भी उठाये है जिसमे उन्होने सरकार से पुछा है कि “क्या सरकार के कर्तव्य की इन चंद शब्दों में इति श्री हो गयी? उनका क्या होगा? जो इस सीजन के आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। बस, टैक्सी, मैक्सी, ढाबे वाले, होटल वाले, घोड़े वाले, पालकी वाले, दुकानदारों, प्रसाद बेचने वालों, पुरोहितों, धर्मशालाओं में काम करने वालों आदि-आदि का क्या होगा? हमारी प्रवृति व कर्मों के कारण ज़ब हमारे आराध्य हमारा मुँह नहीं देखना चाहते तो अब आप ज़बरदस्ती कपाट क्यों खोल रहे? मेरा अब भी केंद्र व राज्य सरकार को सुझाव है, कि हर परिवार को 7000/- रूपए प्रतिमाह डाले, बिजली-पानी के बिल भी माफ़ करें। स्कूल फ़ीस को माफ़ करे। टैक्स लेना स्थगित करे और हर तरह की ऋण को भी स्थगित करे। मनरेगा की मज़दूरी व कार्य दिवस बढ़ाये। आशा है, दोनों सरकारें सुझावों को स्वीकार करेंगी।”