देहरादून: केदारनाथ हवाई सेवाओं की ब्लैक टिकटिंग पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कदम उठाया है। अब श्रद्धालु पर्यटन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल heliservices.uk.gov.in के माध्यम से सभी हेली कम्पनियों की टिकटें बुक कर सकेंगे। सात अगस्त से शुरू हुई ऑनलाइन बुकिंग के पहले दो दिनों में कुल 222 टिकटों के सापेक्ष 1013 यात्रियों ने फाटा, सिरसी और गुप्तकाशी से अपना आरक्षण करवाया। दूसरे चरण में हैली सेवायें 10 सितम्बर से फिर से संचालित की जायेंगी। इन दिनों ख़राब मौसम को चलते हेली सेवाएं रुकी हुई हैं।
सचिव पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने कहा कि, टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाने और टिकटों की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इस पहल को शुरू करने से पूर्व सभी हैली सेवा प्रदाता कम्पनियों के साथ वार्ता कर सहमति प्राप्त कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन माध्यमों से और 30 प्रतिशत टिकटों की बुकिंग काउन्टर से ऑन द स्पॉट की जायेगी। इसके लिए गुप्तकाशी में 1 और फाटा में 2 काउन्टर लगाए जायेंगें। सिरसी में इन्टरनेट सेवा सुचारू न होने के कारण सिरसी हैलीपैड की ऑन द स्पॉट बुकिंग फाटा में ही अलग काउंटर से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था लागू हो जाने से यात्रियों को बुकिंग के समान अवसर प्राप्त हों सकेंगे, साथ ही स्थानीय टैवल ऑपरेटर्स भी इससे लाभान्वित होंगे। नई व्यवस्था के अन्तर्गत ट्रेवल एजेन्ट को अलग से आईडी उपलब्ध करायी जा रही है, जिसके लिए ट्रेवल एजेन्टस् का उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में पंजीकृत होना अनिवार्य है। पंजीकृत टैवल एजेन्ट प्रतियात्री अधिकतम 100 रुपये का सेवा शुल्क ले सकेंगे, जिसका उल्लेख प्राप्ति रसीद में किया जायेगा।
बुकिंग सॉफ्टवेयर एनआइसी ने तैयार किया है, जबकि इसके लिए यस बैंक के माध्यम से भुगतान सम्बन्धी औपचारिकतायें पूरी की जायेंगी। इससे पूर्व हैली कम्पनियों ने अपनी निजी वेबसाईट से टिकटों की बुकिंग की थी, जिसमें यात्रियों से हैली कम्पनियों की एकाधिकारिता और टिकटों की ब्लैकमार्केटिंग की शिकायतें की जा रही थी।
वहीँ इन सबके बीच केदारनाथ के लिए उड़ान भरने वाले कुल 9 ओपरेटरों में से केवल 8 ऑपरेटरों की ही टिकट उपलब्ध दिखाया जा रहा है जबकि, एकमात्र हिमालयन एविएशन की ही टिकट शून्य दिखाई जा रही है। उक्त कम्पनी की शून्य टिकट मामले में फिलहाल स्प्ष्ट कारण सामने नहीं आये हैं।