नैनीताल: हाईकोर्ट ने उधमसिंह नगर स्थित सितारगंज के चर्चित वसीयत फर्जीवाड़े में निलंबित लेखपाल रामवतार सिंह को राहत न देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तिथि नियत की। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। लेखपाल रामवतार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगने की मांग की थी।
मामले के अनुसार, सितारगंज स्थित होटल मालिक विश्वनाथ कक्कड़ की मौत के चार साल बाद उनकी पुत्री ऋतु झाम पत्नी मनोज कुमार ने एक फर्जी वसीयत तैयार कर होटल पर कब्जा कर लिया था। विश्वनाथ की पत्नी कुलवंत कक्कड़ व पुत्र रोहित कक्कड़ को जब मामले की जानकारी मिली तो रोहित ने अपनी बहन ऋतु झाम के खिलाफ सितारगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया और उधमसिंहनगर जिलाधिकारी को जांच सौंप दी। फोरेंसिक जांच में वसीयत फर्जी पाई गई और उपजिलाधिकारी की जांच में सितारगंज के निलंबित लेखपाल रामवतार, तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार शेर सिंह ग्वाल व उपनिबंधक की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इस प्रकरण पर गिरफ्तारी से बचने के लिए निलंबित लेखपाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने लेखपाल रामवतार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया।