नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-2 को लॉन्च कर इतिहास रच दिया है। भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। चंद्रयान-2 को लेकर ‘बाहुबली’ रॉकेट दोपहर 2.43 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ। फिलहाल रॉकेट की गति और हालात सामान्य है। चंद्रयान-2 अंतरिक्ष की कक्षा में पहुंच गया है। चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को लेकर सतीश धवन स्पेस सेंटर में मौजूद वैज्ञानिक में खुशी की लहर है।
चंद्रयान-2 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पर इसरो के चीफ के सिवन ने कहा कि हमने चंद्रयान-2 की तकनीकी दिक्कत दूर कर इस मिशन को अंतरिक्ष में भेजा। इसकी लॉन्चिंग हमारी सोच से भी बेहत हुई है। चांद की तरफ भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत हुई। उन्होने बताया की चंद्रयान-2 चांद के साउथ पोल पर उतरेगा।
बता दें कि चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने की जिम्मेदारी इसरो ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल- मार्क 3 (जीएसएलवी-एमके 3) को दी है। इस रॉकेट को स्थानीय मीडिया से ‘बाहुबली’ नाम दिया गया है। 640 टन वजनी रॉकेट की लागत 375 करोड़ रुपये है। यह रॉकेट 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-2 को लेकर उड़ान भरेगा। चंद्रयान-2 की कुल लागत 603 करोड़ रुपये है। अलग-अलग चरणों में सफर पूरा करते हुए यान सात सितंबर को चांद के दक्षिणी धु्रव की निर्धारित जगह पर उतरेगा।
गौरतलब है कि अब तक विश्व के केवल तीन देशों अमेरिका, रूस व चीन ने चांद पर अपना यान उतारा है। 2008 में भारत ने चंद्रयान-1 लॉन्च किया था। यह एक ऑर्बिटर अभियान था। ऑर्बिटर ने 10 महीने तक चांद का चक्कर लगाया था। चांद पर पानी का पता लगाने का श्रेय भारत के इसी अभियान को जाता है।