उत्तरकाशी: चारधाम पर बने ‘श्राइन बोर्ड’ को विपक्ष के भारी विरोध के बीच भले ही सरकार ने नाम परिवर्तित कर ‘उत्तराखंड चार धाम देवस्थान प्रबंधन विधेयक’ के नाम से सदन में पास कर दिया हो, लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध जारी रखा है। साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने जरुरत पड़ने पर सरकार के फैसले को न्यायालय में भी चुनौती देने की बात कही।
बुधवार को उत्तरकाशी कलेक्ट्रेट परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गंगोत्री तीर्थ पुरोहितों ने जिला मुख्यालय में विधेयक का विरोध किया। साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके आलावा मुख्य चौराहे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज और गंगोत्री विधायक का पुतला फूँका। वहीँ पुरोहितों के समर्थन में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजवान, पालिका चेयरमैन रमेश सेमवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, यूपी के वरिष्ठ नेता विष्णु पाल सिंह रावत उतरे।
तीर्थ पुरोहितों और हक हकूक धारियों में सरकार के निर्णय से भारी गुस्सा है, उनका कहना है कि, सरकार ने तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए बिना इस तरह का बिल सदन में पेश कर उनके हितों पर कुठाराघात किया है। उन्होंने साफ तौर पर सरकार को ये चेतावनी दी कि यदि हजारों वर्षों से चली आ रही हमारी पौराणिक सनातन पूजा पद्दति के साथ बदलाव करने के अपने फैसले पर सरकार अडिग रही तो निकट भविष्य में इसके बेहद बुरे परिणाम उत्तराखंड की भाजपा सरकार को देखने पड़ेंगे। वहीँ कांग्रेस ने तीर्थ पुरोहितों को भरोषा दिया कि भविष्य में सत्ता परिवर्तन होने पर कांग्रेस इस बिल को खारिज कर हक-हकूकधारियों के हितों को सुरक्षित रखने का काम करेगी।
इस मौके पर दीपक सेमवाल, एडवोकेट रविंद्र सेमवाल, अशोक सेमवाल, खुशाहाल सिंह नेगी, पवन सेमवाल, राजेश सेमवाल, मनमोहन सेमवाल, सहित भारी संख्या में गंगोत्री धाम के पुरोहित मौजूद रहे।