देहरादून : केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर की अध्यक्षता में आहूत बैठक में सभी राज्यों के वन एवं पर्यावरण मंत्रियों ने प्रतिभाग किया। इस बैठक में राज्य सरकारों के द्वारा ‘कैम्पा’ योजना के तहत किये जा रहे विकास कार्याें के देखते हुए भारत सरकार द्वारा कैम्पा योजना की धनराशि राज्यों को सौंपी गयी। बैठक में वन मंत्री हरक सिंह रावत भी शामिल हुए। कम्पन्सैंटरी एफाॅरेस्टेशन मैनेजमेन्ट एण्ड प्लानिंग ऑथरिटी (कैम्पा) फण्ड का प्रयोग वनों की कटाई से होने वाले नुकसान, पर्यावरण संरक्षण, खनन और विकास उपक्रम की स्थापना की वजह से होने वाले प्रवास के लिए मजबूर हुए लोगों को सहयोग देेने के लिए किया जाता है। इस कानून का उद्देश्य वन भूमि हस्तान्तरण से हुई (पारिस्थितिकीय) क्षति की प्रतिपूर्ति करना है। योजना के तहत उत्तराखंड को 2,675 करोड रूपये जारी किये गये हैं।
बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री को विगत वर्षों में कैम्पा योजना के अन्तर्गत किये जा रहे विभिन्न कार्याें की जानकारी प्रदान की। साथ ही केन्द्रीय मंत्री को इस योजना के अन्तर्गत आ रही विभिन्न समस्यओं से भी अवगत कराया। योजना के अन्तर्गत 19,000 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोण कार्य सम्पन्न कराया गया और 5,152 वाटर होल का निर्माण किया गया। जिसमें करीब 15 लाख लीटर जल संचित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा कोसी नदी को पुनर्जीवित करने हेतु विस्तृत पैमाने पर वृक्षारोपण कार्य किया जा रहा है। रिस्पना नदी और खो नदी को भी इस योजना के अन्तर्गत सम्मलित कर इस नदी पुर्नजीवित करने की योजना बनायी जा रही है।
उक्त बैठक के दौरान हरक सिंह रावत ने राज्य सरकार द्वारा 1 हेक्टेयर भूमि स्थानांतरण के अधिकार को अब 5 हेक्टेयर तक बढाने की मांग की गयी। जिससे राज्य सरकार के स्तर पर ही सभी विकास कार्यों को भूमि स्थानान्तरण करने के चलते अविलम्ब पूरा किया जा सके। उक्त मांगों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा चीड उन्मूलन के क्रम में हजार मीटर से ऊपर वृक्ष पाटन करने की अनुमति राज्य सरकार को प्रदान करने की भी मांग की। इस धनराशि के अवमुक्त होने से वन क्षेत्र से प्रवास हुए लोगों को सहयोग प्रदान किया जायेगा।