नई दिल्ली: सीबीआई घूसकांड मामले में अब केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्र ने बुधवार सुबह ही सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है। इसी के साथ ही ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
बुधवार सुबह सीबीआई के निदेश का पद संभालते ही राव ने अपने तेवर साफ कर दिए हैं। नागेश्वर राव ने बुधवार सुबह ही ज्वाइंट डायरेक्टर अरुण शर्मा को जेडी पॉलिसी, जेडी एंटी करप्शन हेडक्वार्टर से हटा दिया। उन्होंने एक साथ कई अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने राकेश अस्थाना मामले की त्वरित जांच के लिए भी अहम कदम उठाया है। इसके अलावा AC III के डीआईजी मनीष सिन्हा को भी उनके पद से हटा दिया गया है। सीबीआई ने राकेश अस्थाना के मामले को फास्ट ट्रैक इन्वेस्टिगेशन में डाल दिया है। इसके अलावा बुधवार सुबह ही सीबीआई ने अपने दफ्तर के 10वें और 11वें फ्लोर को सील कर दिया है। साथ ही यहां किसी भी दस्तावेज को ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार आज दोपहर 2 बजे तक सीबीआई के डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर के ऑफिस से किसी भी फाइल या कागज को हटाया नहीं जा सकता है। आपको बता दें कि नागेश्वर राव 1986 बैच के आईपीएस अफसर हैं। नागेश्वर तेलंगाना के ओडिशा कैडर के आईपीएस अफसर हैं। उन्हें 5 साल के लिए सीबीआई का ज्वाइंट डायरेक्टर बनाया गया था।
गौरतलब है कि एजेंसी ने अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से घूस लेने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी। कुरैशी धनशोधन और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहा है।सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत दी गई। इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया।