नई दिल्ली: सीबीआई घूसकांड मामले में अब अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। सीवीसी ने अदालत को सीलबंद रिपोर्ट सौंप दी है। सीबीआई ने भी कोर्ट के सामने सीलबंद रिपोर्ट पेश की है। सीवीसी और सीबीआई दोनों संस्थाओं की रिपोर्ट पढ़ने के लिए अदालत ने अगली सुनवाई 16 नवंबर तक के लिए टाल दी है। अदालत ने सीबीआई के वकीलों से पूछा कि आपकी रिपोर्ट में क्या है। सीबीआई ने अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव के फैसलों पर भी रिपोर्ट सौंपी है।
सीवीसी की ओर से रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप लोग इस केस के सभी पहलुओं 2 हफ्तों के भीतर गहराई से जांच करें। सीबीआई के निदेश आलोक वर्मा का आरोप है कि उन्हें नियमों की अनदेखी कर छुट्टी पर भेजा गया है। यही नहीं अंतरिम निदेशक ने कुछ नीतिगत फैसले लिए जो, उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
सीबीआई में कथित घूसकांड के चेहरों में कोई सामान्य कद वाला चेहरा नहीं है। सीबीआई के नंबर एक और दो यानि निदेशक आलोक वर्मा और स्पेशल डॉयरेक्टर राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर संगीन आरोप लगाए हैं। सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी थी।
सीबीआई में इस तरह की हलचल की धमक राजनीति के गलियारों में भी दिखाई दी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि राफेल डील की तह तक आलोक वर्मा पहुंच चुके थे। मोदी सरकार चाहती थी कि वो राफेल के मुद्दे पर आगे न बढ़ें लिहाजा उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया कि सीबीआई की छवि पर किसी तरह की आंच न आए लिहाजा संबंधित अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला किया।